नई दिल्ली : देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिसंबर या जनवरी में दिल्ली-कोलकाता अथवा दिल्ली-मुंबई में से किसी एक रेलमार्ग पर चलाने की संभावना है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे.
मोदी सरकार 3.0 ने नए युग की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेनों के उत्पादन का अगले पांच साल का लक्ष्य तय कर दिया है. इसके तहत बहुप्रतिक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अगस्त में चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) से बनकर बाहर आ जाएंगी. जबकि पांच से छह माह तक ट्रॉयल के बाद देशवासी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में सफर का आनंद उठा सकेंगे. सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक 300 से अधिक वंदे भारत स्लीपर व सीटिंग ट्रेनें देशभर में दौड़ने लगेंगी. रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन प्रथम चरण में 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी.
दो माह में शुरू होगा वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रॉयल
रेल मंत्री बनने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आगामी दो माह में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पटरियों पर ट्रॉयल शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक पटरी पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी. पहले दो वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें शुरू होंगी. अमृत भारत ट्रेनों का उत्पादन भी तेज गति से किया जा रहा है.