उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ में 116 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए. मरने वालों में एक पुरुष, सात बच्चे और 108 महिलाएं हैं. हादसा उस समय हुआ जब फुलरई मुगलगढ़ी में साकार नारायण विश्वहरि उर्फ भोले बाबा सत्संग समाप्त करने के बाद बाहर निकल रहे थे. हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया है.
परिवार के साथ जयपुर से आई एक महिला ने बताया कि गर्मी-बरसात की वजह से पंडाल में काफी उमस थी. सत्संग के समापन के बाद लोग बाहर निकलने में जल्दबाजी कर रहे थे. इस दौरान भोले बाबा का काफिला निकालने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया, तभी भगदड़ मच गई.
महिलाओं, बच्चों को कुचलकर भागे लोग सड़क के करीब दलदली मिट्टी और गड्ढा होने के कारण आगे मौजूद लोग दबाव नहीं झेल सके और एक के बाद एक गिरते चले गए. जमीन पर गिरीं महिलाओं और बच्चों के ऊपर से लोग गुजरते चले गए. मुगलगढ़ी और फुलरई के बीच करीब 200 बीघा जमीन पर सत्संग में सवा लाख लोग शामिल थे. तीन किलोमीटर दूर तक वाहनों की कतारें लगी हुई थीं.
साजिश है या हादसा मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार रात आला अधिकारियों के साथ बैठक की. मौके पर पहुंचे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ ही प्रशासनिक अमले से राहत कार्यों की जानकारी ली.
मोदी ने और शाह ने योगी से बात की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. एनडीआरएफ की टीम को मौके पर रवाना किया है. योगी आदित्यनाथ बुधवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे.
लापरवाही भी वजह एसडीएम की ओर से आयोजन की अनुमति दी गई थी, लेकिन इस बात का अंदाजा नहीं लगाया गया कि कितने लोग सत्संग में शरीक होंगे. सवा लाख से अधिक लोगों की मौजूदगी के बावजूद 72 सुरक्षाकर्मियों को ही ड्यूटी पर लगाया गया था. प्रवेश और निकास द्वार की भी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं थी.
मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख प्रधानमंत्री कार्यालय ने हादसे के शिकार प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की. इसी तरह मुख्यमंत्री ने घटना को बहुत ही दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
कौन है ‘भोले बाबा’
सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा कभी एलआईयू में खुफिया सूचनाओं के संग्रह किया करते थे. नौकरी से सूरजपाल का मोह भंग हुआ और 1997 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर नौकरी छोड़ दी. इसके बाद सूरजपाल भोले बाबा बन गए.
जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने दो कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण और संदीप सिंह के साथ आला अधिकारियों को मौके पर भेजा है. एडीजी जोन आगरा अनुपम कुलश्रेष्ठ और कमिश्नर अलीगढ़ चैत्रा वी. मौके पर जांच में जुट गई हैं. 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने कहा गया है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
05722227041, 05722227042 पर संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं
अस्पताल में अफरातफरी
सिकंदराराऊ सीएचसी के साथ हाथरस, कासगंज, एटा के अस्पतालों की ओर लोग घायलों को लेकर दौड़ पड़े. एक साथ इतने लोगों के आने से अस्पताल में अफरातफरी मच गई. इंतजामों के अभाव में कई लोगों की सांसें थम गईं.
हादसे की पांच बड़ी वजहें
1. उमस और गर्मी के कारण वहां से जल्दी निकलने की हड़बड़ी
2. सत्संग में करीब सवा लाख लोग थे
3. भोले बाबा का काफिला निकालने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया.
4. स्थानीय प्रशासन भीड़ का अंदाजा नहीं लगा सका और उसके हिसाब से इंतजाम नहीं किए गए
5. कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश और निकास द्वार की व्यवस्था नहीं थी
चर्चा के बीच मुझे एक दुखद खबर दी गई है. हाथरस में भगदड़ मचने से कई लोगों की दुखद मृत्यु की सूचना आ रही है. मैं मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है. केंद्र के अधिकारी प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं. पीड़ितों को हरसंभव मदद दिलाई जाएगी.
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री