छत्तीसगढ़ सरकार के निगम, मंडल और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को बोनस देने के मामले में राज्य के वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है. इस संदर्भ में वित्त विभाग के सचिव मुकेश बंसल ने सभी विभाग प्रमुखों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश के विभिन्न संस्थानों को अपने कर्मचारियों को वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं राज्य शासन द्वारा तय मापदंडों के अनुसार ही देनी चाहिए. अतिरिक्त बोनस या सुविधाएं देने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
बोनस और अतिरिक्त सुविधाओं पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश
वित्त सचिव ने आदेश में कहा कि कई निगम और स्वायत्तशासी संस्थाएं बिना शासन की अनुमति के अपने कर्मचारियों को बोनस जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं. सचिव ने सभी प्रशासकीय विभागों से कहा कि अपने अधीन आने वाले निगम, मंडल, उपक्रम और स्वायत्तशासी संस्थाओं में बोनस देने जैसी गतिविधियों की समीक्षा करें. बिना अनुमति दी जा रही सुविधाओं पर तत्काल रोक लगाई जाए और समीक्षा परिणाम शीघ्र वित्त विभाग को भेजा जाए.
मुख्यमंत्री द्वारा बोनस की घोषणा पर विवाद
इस आदेश से दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने सरकारी बिजली कंपनी के कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा की थी, जिसके बाद वित्त विभाग की आपत्ति सामने आई है.