हृदय रोगियों और हृदय रोग को लेकर भयभीत लोगों के लिए वाकई यह एक खुशखबरी है कि अनेक रोगियों में लगाए गए कृत्रिम हृदय से मांसपेशियों को स्वयं विकास करते देखा गया है. अमेरिका के स्कॉट्सडेल हेल्थकेयर और कुछ अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के चिकित्सक-वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक शोध दल ने इस महत्वपूर्ण कामयाबी को दर्ज किया है. वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे थे कि क्या कृत्रिम हृदय वाले रोगियों में हृदय की मांसपेशियों को पुनर्जीवित किया जा सकता है? जो सकारात्मक परिणाम मिले हैं, उससे तमाम वैज्ञानिकों और चिकित्सकों में एक आशा का संचार हुआ है. एक नई चिकित्सा या दिल की नाकामी को दूर करने और भविष्य के इलाज के लिए नया रास्ता खुलता दिख रहा है. यह हृदय जांच परियोजना यूटा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय और स्कूल ऑफ मेडिसिन के सहयोगियों द्वारा प्रदान किए गए कृत्रिम हृदय रोगियों के ऊतक के साथ शुरू हुई थी. बेशक, अभी विस्तार से अध्ययन करने की जरूरत है. अगर कृत्रिम हृदय शरीर के अंदर प्राकृतिक बदलावों को जन्म दे सकता है, तो यह बिल्कुल मौलिक खोज है और इससे कम से कम हृदय रोगियों की एक बड़ी चिंता को दूर किया जा सकेगा.
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि हृदय रोगों के चलते दुनिया में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती है. फिलहाल हृदय की मांसपेशियों को ठीक करने का कोई पुख्ता इलाज नहीं है. हालांकि, दवाएं रोग की प्रगति को धीमा कर देती हैं. अनेक मरीजों में जब कोई विकल्प नहीं बचता, तो एक कृत्रिम हृदय के सहारे उनका जीवन बचाया जाता है. आमतौर पर शरीर की मांसपेशियों में चोट के बाद पुनर्जीवित होने की गहन क्षमता होती है. यदि आप फुटबॉल खेल रहे हैं और आपकी मांसपेशी फट जाती है, तो आपको आराम की जरूरत होती है, मांसपेशियां फिर से दुरुस्त हो जाती हैं, पर ध्यान रहे, जब हृदय की मांसपेशियां घायल हो जाती हैं, तो वे कभी वापस नहीं बढ़तीं. हृदय की मांसपेशियों के नुकसान को रोकने के लिए अभी चिकित्सा जगत के पास कोई उपाय नहीं है. ताजा जांच में वैज्ञानिकों ने कार्बन डेटिंग का सहारा लिया है, ताकि नवनिर्मित कोशिकाओं को परखा जा सके. आम तौर पर वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि कृत्रिम हृदय वाले मरीज स्वस्थ हृदय की तुलना में छह गुना दर से मांसपेशियों की कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर सकते हैं.
ऐसा हो सकता है कि हृदय की कोशिकाएं पहले भी पुनर्जीवित होती होंगी, लेकिन इसके ज्यादा प्रमाण उपलब्ध नहीं थे. एक हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि यह हमारे पास अब तक का सबसे मजबूत सुबूत है कि मानव हृदय की मांसपेशी कोशिकाएं वास्तव में पुनर्जीवित हो सकती हैं. अब यह सवाल उठता है कि क्या यह मान लिया जाए कि मानव हृदय में पुनर्जीवित होने की आंतरिक क्षमता है? वास्तव में, हृदय की मांसपेशियों को एक जीवन की शुरुआत से अंत तक चलना पड़ता है, कभी आराम की कोई संभावना ही नहीं है. ऐसे में, क्या कृत्रिम हृदय सामान्य मानव हृदय को आराम का मौका दे सकता है? क्या सामान्य हृदय की क्षमता को कृत्रिम हृदय के दम पर फिर से बढ़ाया जा सकता है? जिन मरीजों में कृत्रिम हृदय लगाए गए हैं, उनके सामान्य हृदय में अगर आराम का फायदा देखा गया है, तो यह बहुत खुशनुमा कामयाबी है और इस पर तेजी से काम होना चाहिए, ताकि हृदय रोग के आतंक को खत्म किया जा सके.