अमेरिका में अमीरों को ठिकाना देगा ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा

. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नागरिकता के लिए गोल्ड कार्ड वीजा पेश करने की घोषणा की. इस कदम से जहां अमेरिका में अमीरों को स्थायी निवास की अनुमति मिलेगी, वहीं अमेरिकी ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय नागरिकों में चिंता बढ़ गई है. यह गोल्ड वीजा, ग्रीन कार्ड से कैसे अलग है, इस पर एक नजर .
क्या इसकी कोई तय समय सीमा भी होगी
नहीं. ट्रंप ने कहा कि वे 10 लाख से 1 करोड़ तक गोल्ड कार्ड बेच सकते हैं. इसमें भी ईबी-5 की तरह कोई संख्या सीमा नहीं होगी, क्योंकि यह पूरी तरह से अमेरिका के लिए रेवेन्यू स्कीम की तरह काम करेगा.
क्या गोल्ड कार्ड की भी सीमा होगी
नहीं. ट्रंप ने कहा कि वे 10 लाख से 1 करोड़ तक गोल्ड कार्ड बेच सकते हैं. इसमें भी ईबी-5 की तरह कोई संख्या सीमा नहीं होगी, क्योंकि यह पूरी तरह से अमेरिका के लिए रेवेन्यू स्कीम की तरह काम करेगा.
क्या बिना संसद की मंजूरी के लागू होगा प्रावधान
ट्रंप का कहना है कि उन्हें कांग्रेस (संसद) की मंजूरी की जरूरत नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं. अगर इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए या राजनीतिक विरोध हुआ तो इसे लागू करने में देरी हो सकती है.
क्या बिना संसद की मंजूरी के लागू होगा
ट्रंप का कहना है कि उन्हें कांग्रेस (संसद) की मंजूरी की जरूरत नहीं है. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं. अगर इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए या राजनीतिक विरोध हुआ तो इसे लागू करने में देरी हो सकती है.
बदलाव की जरूरत क्यों
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईबी-5 प्रोग्राम को गलत और फर्जी बताया. इस वीजा प्रोग्राम से धोखाधड़ी रुकेगी और नौकरशाही पर भी लगाम लगेगी. वहीं नए वीजा प्रोग्राम से देश में निवेश भी बढ़ेगा. अगले दो हफ्ते में इसके बदलने की संभावना है.
क्या है गोल्ड कार्ड वीजा
गोल्ड कार्ड वीजा अमेरिकी नागरिकता का रास्ता खोलेगा. यह ग्रीन कार्ड की सुविधाएं देगा. इसकी कीमत करीब 50 लाख डॉलर (लगभग 44 करोड़ रुपये) है. इसका मतलब कि अगर किसी के पास इतनी रकम है, तभी वो अमेरिका का स्थानी निवासी हो सकता है.
किसके लिए यह सुविधा
एच-1बी, ईबी-2 या ईबी-3 वीजा वाले भारतीय भी गोल्ड कार्ड ले सकेंगे. शर्त यही है कि इसके लिए लगभग 44 करोड़ रुपये देने होंगे. माना जा रहा है कि कंपनियां अपने कुशल और योग्य कर्मचारियों को आगे बढ़ाएंगी.
अभी क्या है व्यवस्था
अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए अभी ईबी-5 निवेशक वीजा व्यवस्था है. इसके तहत दूसरे देश के लोग 10 लाख डॉलर देकर नागरिकता लेते हैं. उन्हें बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 10 अमेरिकियों को नौकरी देना होता है.
भारतीयों पर क्या असर
भारत से हर साल हजारों लोग ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं. इसमें बैकलॉग के कारण कुछ को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ जाता है. गोल्ड कार्ड से अमीर भारतीयों के लिए रास्ता खुलेगा, लेकिन मिडिल क्लास के रास्ता बंद होगा.