कब से शुरू हो रहा होलाष्टक? जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं?

मार्च महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस माह में होली का त्योहार बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता हैं. हिंदू धर्म में होलाष्टक के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है. ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती है. जिससे कार्यों में विघ्न-बाधा उत्पन्न हो सकती है. इसलिए होलाष्टक के दौरान विवाह,गृह-प्रवेश और नामकरण समेत सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, होलाष्टक की अवधि में भक्त प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने कई यातनाएं दी थीं. इस दौरान पूजा-अर्चना और जप-तप के कार्य शुभ माने जाते हैं. आइए जानते हैं होलाष्टक के शुरू होने का दिन और इन दिनों में क्या करें और क्या नहीं?
होलाष्टक कब से शुरू हो रहा है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 7 मार्च 2025 से होलाष्टक शुरू हो रहा है और इसका समापन 13 मार्च 2025 को होगा और अगले दिन 14 मार्च 2025 को होली मनाई जाएगी.
होलाष्टक में क्या करना चाहिए?
होलाष्टक की अवधि में हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना पुण्यफलदायी माना गया है. इससे जीवन में सकारात्मकता आती है.
होलाष्टक के दौरान गरीबों और जरुरतमंदों को अनाज, कपड़े और धन का दान कर सकते है. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
होलाष्टक में पितरों की आत्माशांति के लिए तर्पण करना लाभकारी माना जाता है.
होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए?
होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह, गृह-प्रवेश और मुंडन संस्कार समेत मांगलिक कार्यों का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए.
होलाष्टक में नए घर का निर्माण भी नहीं शुरू करवाने की सलाह दी जाती है.
होलाष्टक की अवधि में सोना,चांदी और नया वाहन समेत कीमती चीजों की खरीदना करना शुभ नहीं माना जाता है.
इस अवधि में क्रोध और वाद-विवाद से बचना चाहिए.