
रायपुर. पुलिस ने राजधानी में 2019 में दर्ज धोखाधड़ी के तीन आरोपियों को राजस्थान के भरतपुर और जयपुर जेल जाकर गिरफ्तार किया. आरोपी रायपुर में दर्ज मामले में लगातार फरार रहे हैं. आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में जारी निर्देश के बाद जब आरोपियों के बारे में जानकारी ली गई तो उनके जेल में बंद होने का पता चला. इसके बाद रायपुर से एक टीम को भेजकर आरोपियों को रायपुर लाया गया. आरोपियों ने मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के नाम से वर्ष 2017 से बाइक बोट स्कीम शुरू की थी. ओला उबर की तर्ज पर इसे चलाने का झांसा दिया गया था. पूरे देश में 200 मामले दर्ज हैं ठगी के पुलिस के मुताबिक देश भर में कंपनी के कर्ताधर्ता संजय भाटी, करणपाल सिंह व राजेश भारद्वाज समेत अन्य आरोपियों ने लोगों को सदस्य बनाया और एक बाइक के बदले 62 हजार 100 रुपए जमा कराकर रकम लेकर फरार हो गए. रकम जमा कराने पर हर महीने 97 सौ 65 रुपए देने का झांसा दिया गया था. आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में 200 से अधिक अपराध दर्ज किये गये हैं.
ईडी कर चुकी है आरोपियों की संपत्ति अटैच
एक आरोपी संजय भाटी के विरुद्ध 1500 से अधिक धारा 138 एन.आई.ए. एक्ट के तहत हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश में मामले पंजीबद्ध हैं. आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि इस प्रोजेक्ट में 2800 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई है. प्रवर्तन निदेशालय की टीम द्वारा आरोपियों की संपत्ति को विभिन्न प्रकरणों में अटैच किया गया है. रायपुर में अखिल कुमार बिसोई लक्ष्मी नगर बीरगांव की शिकायत पर 2019 में धारा 420, 406, 34 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था.