
रायपुर। इस साल स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) को खेल प्रतियोगिताओं में राज्य के सीबीएसई स्कूल के खिलाड़ी बच्चे राज्य टीम से नहीं खेल पाएंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षा संचालक ने पिछले महीने एक आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के खिलाफ निजी स्कूल के पालक, छात्र और क्रीड़ाधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से 1 जुलाई को भेंट कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। इस पर डॉ. रमन ने शिक्षा संचालक को सीबीएसई निजी स्कूलों के खिलाड़ियों पर लगाये गये प्रतिबंध पर नियमानुसार विचार करने पत्र लिखा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन खेल की सर्वमान्य संस्था छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के लगभग 15 साल तक अध्यक्ष थे, इसीलिए निजी स्कूल के खिलाड़ियों ने अपनी व्यथा से उन्हें अवगत कराया। छत्तीसगढ़ में अभी कुल 632 निजी स्कूल संचालित हैं, इनमें से 86 स्कूल अकेले रायपुर में है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सीबीएसई पैटर्न के स्कूल के बच्चों को सरकारी स्कूल के साथ खेलने से वंचित किया है। वहीं आईसीएस पैटर्न स्कूल के खिलाड़ी अभी संशय में हैं। इस महीने स्कूल शिक्षा विभाग का ब्लॉक स्तरीय खेल कैलेण्डर जारी हो जाएगा। अब अगर इस पर जल्द निर्णय नहीं हुआ ती खिलाड़ियों को इससे नुकसान हो जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग का तर्क है कि एसजीएफआई ने सीबीएसई को अलग यूनिट का दर्जा दिया है, इसलिए उसी यूनिट के तहत छत्तीसगढ़ में इस पैटर्न के स्कूल उसी यूनिट में भाग लें। अशासकीय शारीरिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष उमेश सिंह ठाकुर व सचिव अखिलेश दुबे ने कहा कि जब देश के अन्य राज्यों में सीबीएसई एवं अन्य बोर्ड के खिलाड़ी अपने प्रदेश की टीम से खेल सकते हैं, तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार गरीब बच्चों का सीबीएसई स्कूल में शिक्षा का अधिकार के तहत एडमिशन करती है। क्या उन बच्चों को भी खेल से वंचित कर दिया जाएगा।
देश की राजधानी में खिलाड़ी अलग नहीं
सचिव श्री दुबे ने चताया कि देश की राजधानी दिल्ली और चंडीगढ़ आदि में भी सीबीएसई पैटर्न के बच्चे अपने राज्य की टीम से एसजीएफआई के टूनमिंट में भाग ले रहे हैं। एसजीएफआई ने ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया कि राज्य शासन सीबीएसई स्कूलों को अलग कर दे। उन्होंने कहा कि सीबीएसई स्कूल के खिलाड़ी एफिडेविट दे कर कह रहे हैं कि हम अपने राज्य कि टीम से खेलेंगे, वे सीबीएसई यूनिट के माध्यम से खेल में दोहरा लाभनहीं लेंगे।