राष्ट्रीयराजनीति

उपचुनाव से पहले Azam Khan को बड़ा झटका, मतदाता सूची से कटा नाम

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को एक और झटका लगा है. रामपुर में मतदाता सूची से आजम खान का नाम काटने का आदेश जारी हुआ है,  जिसके बाद वह उपचुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने आजम खान के खिलाफ ये आदेश जारी किया है. बता दें कि नफरत भरा भाषण देने के मामले में आजम खान को पहले ही तीन साल की सजा मिली है. उनकी विधानसभा सदस्यता भी जा चुकी है.

आकाश सक्सेना की शिकायत पर हुआ एक्शन

रामपुर उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी को पत्र लिखा था, जिसके बाद एक्शन हुआ है. निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 16 के तहत यह कार्रवाई की है. आरपी एक्ट का हवाला देते हुए आजम खान को वोट देने के अधिकार से वंचित करने की मांग की गई थी. आज़म खान को हुई सजा का हवाला दिया गया है.

आकाश सक्सेना ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का हवाला देते हुए आजम का मताधिकार छीनने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. रामपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना के प्रार्थना पत्र के साथ न्यायालय के आदेश की प्रतियां और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 के सुसंगत प्रावधानों के तहत आजम खान का नाम मतदाता सूची से काट दिया जाए.

आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गत 27 अक्टूबर को रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. उसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई थी.

क्यों हो रहा रामपुर में उपचुनाव? 

रामपुर विधानसभा सीट आजम खान को नफरत भरा भाषण देने के मामले में हाल में हुई तीन साल की सजा के चलते उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण रिक्त हुई है. इस सीट पर आगामी पांच दिसंबर को मतदान होगा.  रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने आसिम राजा को टिकट दिया है. उन्होंने गुरुवार को पर्चा दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ रामपुर के निवर्तमान विधायक आजम खान भी मौजूद थे.

आजम खान के करीबी सहयोगी माने जाने वाले राजा ने इसी साल जून में रामपुर लोकसभा उपचुनाव भी सपा के टिकट पर लड़ा था लेकिन उन्हें बीजेपी के घनश्याम लोधी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था. वह सीट भी आजम खान के रामपुर सीट से विधायक चुने जाने के कारण लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी.

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