
रायपुर. प्रदेश में हुए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों की अग्रिम जमानत आवेदन को विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया. सभी ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए सेवाकाल के दौरान अपराध जैसा किसी भी तरह का काम नहीं करने, बीमारी का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए बुलवाए जाने पर सहयोग करना बताया. अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया घोटाले में संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं. जमानत दिए जाने पर जांच प्रभावित होने की संभावना जताई गई. विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया.
इनके नाम
प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद कुमार पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन प्रताप तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन,अनिमेश नेताम, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडुजा, अश्वनी कुमार अंनत, अंनत कुमार सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, अलेख कुमार सिदार, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल के नाम शामिल है.
4 जमीन दलालों को जेल
ईओडब्ल्यू ने भारतमाला परियोजना घोटाले में पूछताछ के बाद शुक्रवार को जमीन दलाल खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल को 23 जुलाई तक जेल भेज दिया गया है. उक्त सभी को विशेष न्यायाधीश की अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया था. इस दौरान न्यायाधीश को अभियोजन पक्ष ने बताया कि उनकी पूछताछ पूरी हो गई है. मिले इनपुट के आधार पर प्रकरण की जांच चल रही है.