
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का अब नाम बदल गया है. अब दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जाएगा. वहीं अशोक हॉल को अशोक मंडप कहा जाएगा. राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है. सचिवालय ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति भवन देश का प्रतीक है और समृद्ध विरासत का संकेत देता है. राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से कहा गया, ‘लगातार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति भवन तक लोगों की पहुंच बढ़ाई जाए. इसके अलावा राष्ट्रपति भवन की पहचान को भारतीय संस्कृति के मूल्यों और भावनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है.
इसी विचार के आधार पर ही राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप रहेगा. इसके अलावा अशोक हॉल का नाम अब अशोक मंडप रहेगा. राष्ट्रपति भवन में होने वाले महत्वपूर्ण आयोजन दरबार हॉल में ही होते रहे हैं. राष्ट्रीय सम्मान भी यहीं पर प्रदान किए जाते हैं. ऐसे में अब इस हॉल का नाम गणतंत्र मंडप रहेगा. दरबार का अर्थ किसी शासक की अदालत या फिर असेंबली के स्थान के तौर पर लगाया जाता है. ऐसे में गणतंत्र मंडप नाम रखना सही है, जो लोकतांत्रिक प्रतीत होता है.
राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया कि भारत अब एक गणतंत्र है. ऐसे में दरबार जैसा शब्द इस्तेमाल करना सही नहीं है. भारतीय समाज में गणतंत्र की परिभाषा प्रचाीन है. इसलिए दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप कर दिया गया है. वहीं अशोक हॉल का इस्तेमाल बॉलरूम के तौर पर होता रहा है. अशोक का अर्थ होता है- किसी भी तरह के शोक से मुक्त होना है. ऐसे में अशोक नाम को बनाए रखा जाएगा, लेकिन उसके साथ अब हॉल की जगह मंडप शब्द जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा अशोक हॉल का नाम प्राचीन भारत के सम्राट अशोक पर रखा गया है. सम्राट अशोक के शासन को भारत में समावेशी और सहिष्णु माना जाता है. यही नहीं भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक की लाट का भी सम्राट अशोक से ही संबंध है. अशोक की लाट में शेर बना हुआ होता है. इसके अलावा अशोक नाम का एक वृक्ष भी है, जिसकी भारत में मान्यता रही है.