
केंद्र सरकार के पांच फसलों पर पांच साल तक एमएसपी खरीद के प्रस्ताव को किसान संगठनों द्वारा खारिज करने से मामल उलझ गया है. किसान नेताओं ने कहा कि सभी 23 फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशें, कर्ज माफी आदि मांगों को सरकार नहीं मानती है तो 21 फरवरी सुबह 11 बजे से किसान दिल्ली कूच करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) व किसान मजदूर संषर्ष समिति के तत्वाधान में 13 फरवरी से किसान आंदोलन चल रहा है. पंजाब-हरियाणा के शंभू व खनौरी बार्डर पर किसान डटे हुए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार का दालों, मक्का व कपास की एमएसपी पर पांच साल की खरीद का प्रस्ताव किसान हित में नहीं है. इसके लिए प्रस्ताव को खारिज कर दिया. रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों ने यह प्रस्ताव दिया था.
पंधेर ने कहा कि किसानों की तीन बड़ी मांगें हैं, सभी 23 फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित ह्यसी2 प्लस 50 प्रतिशतह्ण फॉर्मूला व ऋण माफी है. उन्होंने बताया कि रविवार को बैठक में किसानों ने प्रस्ताव दिया कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएसपी पर कानून बनाया जाए. कर्ज माफी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक किसानों पर कुल 18.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह घोषणा करने का अनुरोध किया कि कृषि ऋण माफ कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक तंत्र बाद में तैयार किया जा सकता है.
किसान नेता ने कहा कि भाजपा का दावा है कि मौजूदा प्रधानमंत्री एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं. अगर वह 80 करोड़ किसानों और खेत मजदूरों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर देते हैं तो इससे भाजपा के इस दावे पर मुहर लग जाएगी कि वह वाकई एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों को किसानों की विभिन्न मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
पंधेर ने ऐेलान किया कि पूर्व घोषणा के तहत किसान बुधवार को सुबह 11 बजे से दिल्ली कूच करेंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को प्रदर्शन में मृतक किसान के परिजनों के लिए मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी देने संबंधी एक नीति की घोषणा करनी चाहिए.