
आसमान में उड़ते हवाई जहाजों को देखकर बचपन में ऐसी ही उड़ान का सपना देखने वाली मेरठ की बेटी आस्था पुनिया ने न केवल अपना सपना सच किया, बल्कि देश का गौरव भी बढ़ाया। वह भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं।
सब लेफ्टिनेंट आस्था मिग-29 जैसे फाइटर प्लेन उड़ाएंगी। इस उपलब्धि से उनके पैतृक गांव बागपत के हिसावदा, मुजफ्फनगर स्थित उनके स्कूल से लेकर मेरठ तक जश्न का माहौल है। नौसेना ने विशाखापत्तनम में द्वितीय बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स के समापन अवसर पर सब लेफ्टिनेंट आस्था पुनिया को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ पुरस्कार से नवाजा। यह पुरस्कार नौसैनिक विमानन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पायलट को मिलता है। आस्था की अब एक साल की ट्रेनिंग होगी। बेटी की उपलब्धि का साक्षी बनने के लिए पिता अरुण पुनिया, मां संयोगिता चौधरी और भाई हर्षवर्धन विशाखापत्तनम में हैं।
बचपन का सपना पूरा
आस्था के पिता अरुण पुनिया मेरठ के सरधना स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में शिक्षक हैं। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ को फोन पर बताया, आस्था काे जब विमान की आवाज सुनाई देती थी तो वह दौड़ कर बाहर आती थी और कहती थी, मैं भी एक दिन विमान उड़ाउंगी। बेटी का सपना आज पूरा हो गया। मां संयोगिता मुजफ्फरनगर में प्रधानाध्यापिका हैं।
जयपुर से बीटेक किया
आस्था ने मुजफ्फरनगर से इंटरमीडिएट और वनस्थली विश्वविद्यालय जयपुर से बीटेक किया। उनका एसएसबी में तकनीकी एंट्री से चयन हुआ। उन्होंने आईएनए केरल से दो वर्ष का प्रशिक्षण लिया है।