
जनगणना के लिए प्री टेस्ट संभवतः अगस्त में शुरू हो जाएगा। इसके लिए कर्मियों का प्रशिक्षण चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि आगामी जनगणना के दौरान नागरिक खुद गणना कर सकेंगे और इसके लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। पोर्टल दोनों चरणों के लिए उपलब्ध होगा।
पहली डिजिटल जनगणना : अधिकारियों ने यह भी बताया कि देश की पहली डिजिटल जनगणना में गणना करने वाले एंड्रॉइड और एप्पल फोन पर मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए नागरिकों के आंकड़े एकत्र करेंगे। ऐसा देश में पहली बार होगा कि नागरिकों को वेब पोर्टल के जरिए खुद गणना करने का मौका मिलेगा। ये पोर्टल दोनों चरणों के लिए उपलब्ध होगा। एक अधिकारी ने कहा कि डिजिटल जनगणना पहल जनगणना प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। डाटा इकट्ठा करने और इसे सर्वर पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भेजने के लिए पहली बार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे जनगणना डाटा जल्दी उपलब्ध होगा। कलेक्शन, ट्रांसमिशन और स्टोरेज के समय डाटा सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए बहुत ही कड़े डाटा सिक्योरिटी उपाय लागू किए जाएंगे।
घर के सदस्यों की जातियों की गणना होगी
एचएलओ 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होगा, उसके बाद दूसरा चरण 1 फरवरी, 2027 से शुरू होगा, जिसमें जनसंख्या गणना (पीई) की जाएगी। आगामी जनगणना में घर के सदस्यों की जातियों की गणना की जाएगी। जनगणना 2027 के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 को और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए 1 अक्तूबर, 2026 को होगी।