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India China diplomatic thaw 2025: चीन से भारत की नजदीकी और ट्रंप की अनजानी चाल, कैसे धीरे-धीरे बदल रहा पूरा समीकरण

नई दिल्लीः भारत और चीन के रिश्ते धीरे-धीरे पटरी पर आ रहे हैं। इसकी वजह दोनों देशों की जरूरतें और डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां हैं। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद रिश्ते खराब हो गए थे। मगर अब भारत चीन से दोस्ती बढ़ा रहा है। भारत ने चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा देना फिर से शुरू कर दिया है। दोनों देशों के नेता मिल रहे हैं और बातचीत कर रहे हैं। रूस भी भारत और चीन को साथ लाने की कोशिश कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि भारत अमेरिका से अपने रिश्ते को लेकर थोड़ा चिंतित है। इसलिए वह चीन के साथ मिलकर काम करने के रास्ते तलाश रहा है।

चीन की डराने वाली रणनीति काम नहीं आई

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक गलवान संकट अब भारत की सबसे बड़ी चिंता नहीं है। चीन की डराने वाली रणनीति अब काम नहीं कर रही है। भारत चीन को लेकर सतर्क है, लेकिन पॉजिटिव रुख अपना रहा है। भारत ने चीन के कई उत्पादों पर बैन लगाया था और कई राजनयिक बैठकें की थीं। अब, चीन के हाथ बढ़ाने पर भारत भी सहयोग कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका की नीतियां भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं। दोनों देशों को यह समझ आ गया है कि वे एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

भारत ने चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा देना शुरू किया

भारत 24 जुलाई से चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा देना शुरू करेगा। भारत में चीनी सामान की बहुत मांग है। भारत को चीन से जरूरी सामान और तकनीक चाहिए। वहीं, चीन को भारत से कच्चा माल चाहिए। ट्रंप अब दोनों देशों को मदद करने के बजाय उपदेश दे रहे हैं। इसलिए भारत और चीन के रिश्ते सुधर रहे हैं। भले ही चीन पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है, लेकिन भारत चीन के साथ आर्थिक रूप से जुड़ रहा है। साथ ही, भारत दूसरे देशों से भी मदद ले रहा है।

भारत-चीन को करीब लाने में जुटा रूस

रूस, भारत और चीन को साथ लाने की कोशिश कर रहा है। RIC (रूस, भारत, चीन) नाम का एक समूह फिर से शुरू हो सकता है। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने का दावा किया है, लेकिन भारत और चीन के रिश्ते सुधारने में उनका कोई योगदान नहीं है।

नीति आयोग ने क्या दिया सुझाव

नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि चीनी कंपनियां भारतीय कंपनियों में 24% तक हिस्सेदारी बिना सरकार की अनुमति के खरीद सकती हैं। अभी के नियमों की वजह से कई बड़े सौदे अटके हुए हैं। एक सुरक्षा विशेषज्ञ डेरेक ग्रॉसमैन का कहना है कि ऐसा लगता है कि भारत अमेरिका के साथ भविष्य में खराब रिश्तों के लिए तैयार हो रहा है। मेजर जनरल जीडी बक्शी (रिटायर्ड) की राय है कि चीन का भारत के साथ दोस्ती करना समझदारी भरा कदम है। अगर चीन भारत से दुश्मनी करता है, तो उसे दो मोर्चों पर युद्ध लड़ना पड़ेगा।

जयशंकर की चीन यात्रा का मकसद

पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन गए थे। पांच साल में यह उनकी पहली चीन यात्रा थी। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। 2020 में लद्दाख में सीमा पर हुई झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए थे। जयशंकर ने शी जिनपिंग को भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों के बारे में भी बात की। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों को सीमा पर तनाव कम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए और प्रतिस्पर्धा संघर्ष में नहीं बदलनी चाहिए।

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