
जयपुर. जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में मंत्री समूह की ओर से 1 हजार रुपए से ज्यादा कीमत वाले रेडीमेड गारमेंट पर जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस पर विचार होने की संभावना है।
देशभर के रेडीमेड गारमेंट निर्माता इसका विरोध कर रहे हैं। गारमेंट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी से जीएसटी काउंसिल में प्रदेश के गारमेंट मैन्युफैक्चर्स की ओर से अपना पक्ष रखने की अपील की है। गियर के अध्यक्ष रक्षित पोद्दार और महासचिव अमित माहेश्वरी का कहना है कि कपड़ा नागरिकों की प्राथमिक आवश्यकता है। परिधानों पर मिनिमम स्लैब यानी 5 प्रतिशत से ज्यादा जीएसटी नहीं होना चाहिए। ज्यादा जीएसटी होने पर सरकार राजस्व भी कम होगा, क्योंकि ज्यादा टैक्स हमेशा टैक्स चोरी को प्रेरित करता है। इसका ज्यादा असर मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जो आमतौर पर 1 हजार से ढाई हजार रुपए मूल्य के परिधान खरीदते हैं। पारम्परिक परिधान निर्माता और 5 लाख कारीगरों के रोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, जिसमें अधिकांश महिलाएं हैं। गियर ने उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के माध्यम से सरकार को सुझाव दिया है कि 25 हजार तक के परिधान पर 5 प्रतिशत और 25 हजार से अधिक मूल्य वाले परिजनों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा सकता है।