UAE के गोल्डन वीजा से भारतीयों के लिए दुबई में बसना होगा आसान

यूएई के गोल्डन वीजा में नियमों में बदलाव के बाद सोशल मीडिया पर जश्न शुरू हो गया। यह वीजा हासिल करने के इच्छुक भारतीय खुश हैं। एक यूजर ने लिखा, भारत में आप एक करोड़ की कार खरीद सकते हैं या गोल्डन वीजा पर दुबई जाकर वहां वही रहकर कार खरीद सकते हैं। वहीं एक अन्य यूजर ने पोस्ट कर कहा कि दुबई गोल्डन वीजा अब 25 लाख से भी कम है? इसे पाने के लिए भगदड़ मच जाएगी।
कौन कर सकता है आवेदन
नई नामांकन प्रक्रिया के तहत पात्र आवेदकों में शिक्षक, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, विश्वविद्यालय फैकल्टी स्कूल शिक्षक, 15 साल से अधिक अनुभव वाले नर्स, स्टार्टअप फाउंडर, बिजनेस प्रोफेशनल, यूट्यूबर्स आदि।
कितनों को लाभ मिलेगा
पहले तीन माह में पांच हजार से अधिक भारतीय आवेदकों को गोल्डन वीजा मिलने की उम्मीद है। वीजा परीक्षण के पहले फेज के लिए भारत-बांग्लादेश को चुना गया। भारत में नामांकन आधारित गोल्डन वीजा की जांच के लिए रायद ग्रुप कंसल्टेंसी को चुना गया।
भारत को मिली प्राथमिकता
यूएई सरकार की यह पहल 2022 की व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के बाद भारत संग यूएई के बढ़ते रणनीतिक संबंधों को दिखाती है। इसके कारण ही वीजा के ट्रायल में भारत को प्राथमिकता दी गई।
यह है चयन प्रक्रिया
आवेदक रायद ग्रुप के ऑनलाइन पोर्टल या कॉल सेंटर के जरिये आवेदन कर सकते हैं। इस वीजा के लिए जब कोई व्यक्ति अप्लाई करेगा तो उसकी बैकग्राउंड जांच होगी।
●कोई आपराधिक मामला दर्ज तो नहीं
●मनी लॉन्ड्रिंग का केस तो नहीं
●सोशल मीडिया पोस्ट की भी जांच
●व्यक्ति बिजनेस, स्टार्टअप या संस्कृति से जुड़कर यूएई की ग्रोथ में योगदान देगा
नई नीति से ये फायदे होंगे
●स्वीकृत व्यक्तियों को स्थायी निवास
●परिवार को साथ ला सकते हैं
●कर्मचारियों को नियुक्त कर सकेंगे
●व्यवसाय या पेशेवर काम कर सकेंगे
पहले यह था नियम
भारतीयों के लिए यूएई का गोल्डन वीजा लेने के लिए अभी संपत्ति खरीदना पड़ता था, जिसकी कीमत 4.66 करोड़ रुपये हो या फिर किसी बड़े बिजनेस में निवेश करना होता था। नई नामांकन आधारित प्रणाली के तहत अब आवेदकों को बिना निवेश के मंजूरी दी जा सकती है।
क्या है गोल्डन वीजा
यूएई गोल्डन एक दीर्घकालिक निवास वीजा है, जो विदेशी नागरिकों को यूएई में रहने, काम करने, पढ़ाई करने आदि की अनुमति देता है। इसे मूलरूप से 2019 में लॉन्च किया गया था। 2022 में वीजा के तहत यूएई ने न्यूनतम संपत्ति निवेश जरूरत को घटा दिया था।