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धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती हैं नई वस्तुएं? आप भी पढ़ें धार्मिक मान्यता

धनतेरस का त्योहार 29 अक्तूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा. धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. यह त्योहार दीवाली के पांच दिवसीय पर्व का पहला दिन या शुरुआत मानी जाती है.

धनतेरस का दिन समृद्धि, स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी व भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. धनवंतरी आरोग्य व आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं. धनतेरस पर ज्वेलरी, बर्तन व अन्य सामान की खरीदारी करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. जानें धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती हैं नई वस्तुएं-

धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती हैं नई चीजें- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस क दिन कई नई वस्तु खरीदना अत्यंत शुभ होता है. खास तौर पर वे वस्तुएं जो घर में स्थायित्व व संपन्नता का प्रतीक मानी जाती है. इस दिन ज्वेलरी खास तौर पर सोने व चांगी के आभूषणों को शुद्धता व समद्धि का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इसे खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. धनतेरस के दिन स्टील, तांबा, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना गया है. इन्हें परिवार के स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

धनतेरस पर इन चीजों की भी कर सकते हैं खरीदारी- वर्तमान समय में लोग इलेक्ट्रॉनिक सामान टीवी, वॉशिंग मशीन, फ्रीज, एसी व अन्य जरूरत की वस्तुएं भी खरीदते हैं. इसे नए दौर की सुविधाओं व प्रगति का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस पर लोग इन वस्तुओं की खरीदारी करके अपने जीवन में शुभता व सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त- त्रयोदशी की शुरुआत 29 अक्टूबर, मंगलवार को दिन में 11 बजकर 09 मिनट के बाद होगी और इसका समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर होगा. धनतेरस पर खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 09 मिनट से दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.

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