
गाजियाबाद . कचहरी परिसर में बुधवार को माहौल रोजाना की तरह सामान्य था. अदालत में सुनवाई और पेशी चल रही थी. कोर्ट के कर्मचारी और वकील फाइल लेकर इधर से उधर जा रहे थे. हर कोई अपने काम में व्यस्त था, लेकिन शाम पौने चार बजे एकाएक भगदड़ मच गई. करीब सवा पांच घंटे तक कचहरी परिसर में लोग खौफ में रहे.
चारों तरफ से अचानक शोर मचा कि तेंदुआ आ गया, तेंदुआ आ गया. जो भी सामने आया, तेंदुआ उस पर टूट पड़ा. चीख-पुकार मच गई. पुलिस और वन विभाग की टीम के फोन घनघनाने लगे. तेंदुए ने एक के बाद एक कई ठिकाने बदले, लेकिन आखिरकार उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया.
कचहरी पुलिस चौकी की बगल में स्थित तीन मंजिला अदालत में करीब 40 कोर्ट, दस से अधिक प्रशासनिक कार्यालय और भूतल पर नजारत है. यहां रोजाना हजारों की संख्या में वादकारी और वकीलों की आवाजाही होती है. बुधवार का नजारा भी कुछ ऐसा ही था, लेकिन शाम पौने चार बजे तेंदुआ अदालत की तीन मंजिला भवन में दौड़ा तो लोगों के होश उड़ गए.
लोगों में अफरातफरी मची देख तेंदुआ और भी आक्रोशित हो गया. जो भी उसके सामने आया, उसने उस पर झपट्टा मार दिया. पुलिसकर्मी और वकील समेत दस लोगों को तेंदुए ने लहूलुहान किया तो हालात और बिगड़ गए. कहचरी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस और पीएसी के जवान दौड़े, लेकिन तेंदुए को हमलावर देख वह भी उल्टे पांव भाग निकले. आनन-फानन में वन विभाग को सूचना दी गई. शाम करीब पांच बजे वन विभाग ने घेराबंदी करते हुए तेंदुए को पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी. टैंकुलाइजर गन से रात 7.50 बजे तेंदुए को बेहोश कर दिया गया. बाकी की प्रक्रियाएं पूरी कर रात करीब नौ बजे तेंदुए को पिंजरे में डालकर कोर्ट परिसर से बाहर लाया गया.