राष्ट्रीय

बंपर पैदावार से गेहूं बनाएगा नया रिकार्ड; 11.22 करोड़ टन की रिकार्ड उपज का अनुमान

मानसून की अच्छी बारिश और रबी सीजन के बेहतर मौसम से चालू फसल वर्ष 2022-23 में खाद्यान्न की बंपर पैदावार का अनुमान है। इस बार 32.36 करोड़ टन कुल खाद्यान्न की पैदावार होगी, जो पिछले वर्ष के 31.56 करोड़ टन के मुकाबले 80 लाख टन अधिक होगा। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की 11.22 करोड़ टन की रिकार्ड पैदावार का अनुमान है।

सीजन के दौरान रोगों का प्रकोप न होने से तिलहनी फसलों की कुल पैदावार चार करोड़ टन होगी जिसमें अकेले सरसों की हिस्सेदारी 1.28 करोड़ टन होगी। कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने फसलों की बंपर पैदावार का श्रेय किसानों व वैज्ञानिकों की मेहनत और सरकार की नीतियों को दिया है।

पिछले रबी सीजन में गेंहू के कुल पैदावर पर पड़ा असर 

चालू फसल वर्ष के दौरान मानसून सीजन की अच्छी बारिश से रबी सीजन के लिए जहां खेतों में पर्याप्त नमी मिली वहीं खरीफ वाली फसलों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। पिछले रबी सीजन में गेहूं की फसल के पकने के समय अचानक तापमान के बढ़ जाने से उत्पादकता पर विपरीत असर पड़ा, जिससे कुल पैदावार में 6 से 10 फीसद तक की कमी आई थी।

कुल गेहूं की पैदावार अब तक की सर्वाधिक 11.22 करोड़ टन होगी

लेकिन इस बार फरवरी के पहले पखवारे में तापमान गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है, जिसके ऐसे ही बने रहने की संभावना है। जारी अग्रिम अनुमान के मुताबिक कुल गेहूं की पैदावार अब तक की सर्वाधिक 11.22 करोड़ टन होगी। जबकि बीते खरीफ और चालू रबी सीजन के दौरान चावल की कुल पैदावार इस बार 13.08 करोड़ टन जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के मद्देनजर इस वर्ग की सभी फसलों की खेती का रकबा बढ़ा है, जिससे कुल पैदावार 5.27 करोड़ टन हो सकती है। जबकि पिछले वर्ष इसकी पैदावार 5.11 करोड़ टन थी। एथनाल व अन्य मदों में बढ़ी मांग के मद्देनजर मक्के का पिछले साल के 3.37 करोड़ टन उत्पादन के मुकाबले 3.46 करोड़ टन होने का अनुमान है।

तिलहनी फसलों की खेती की ओर गया है घरेलू बाजार में किसानों का रुझान

दलहनी फसलों की खेती भी इस बार अच्छी रही है, जिससे दलहनी फसलों का कुल उत्पादन 2.73 करोड़ टन के मुकाबले 2.78 करोड़ टन होगा। इसमें प्रमुख दलहनी फसल चना का कुल उत्पादन 1.36 करोड़ टन होगा, जो पिछले वर्ष के 1.35 करोड़ टन से अधिक है। घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की महंगाई के मद्देनज किसानों का रुझान तिलहनी फसलों की खेती की ओर गया है।

तिलहनी फसलों का कुल उत्पादन चार करोड़ टन होने का अऩुमान है, जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन होगा। इसमें सरसों की हिस्सेदारी सर्वाधिक 1.28 करोड़ टन होगी। मूंगफली की पैदावार एक करोड़ टन होगी। कपास की पैदावार 3.37 करोड़ गांठें (प्रति गांठ 170 किग्रा) होने का अऩुमान है। इसी तरह गन्ने का उत्पादन 46.88 करोड़ टन होगा। जबकि पटसन और मेस्ता का उत्पादन एक करोड़ गांठे (प्रति गांठ 180 किग्रा) होगा।

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