प्रवासी भारतीयों के बच्चों को अब आसानी से मिलेगा अमेरिका में ग्रीन कार्ड

वॉशिंगटन. अमरीका में ग्रीन कार्ड के लिए कतार में लगे हजारों भारतीयों ने अमरीकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा कुछ खास स्थितियों में गैर-नागरिक की आयु की गणना करने के लिए जारी किए गए नीतिगत बदलावों का जोर-शोर से स्वागत किया है. नए अपडेट के अनुसार अमरीका में चाइल्ड स्टेटस प्रोटेक्शन एक्ट में ग्रीन कार्ड के लिए बच्चे की आयु की गणना की नीति में बदलाव किया गया है. यूएससीआईएस द्वारा इस नीति में बदलाव से उन हजारों भारतीयों के बच्चों को लाभ होगा, जो उनके माता-पिता द्वारा उनके लिए दायर ग्रीन कार्ड आवेदन के अप्रूवल में लगने वाले समय के कारण 21 साल की उम्र सीमा से बाहर हो जाते हैं.
बेहतर होगा अमरीकी सपना
‘इम्प्रूव द ड्रीम’ के संस्थापक दीप पटेल ने सोशल मीडिया पर बताया है कि लंबे समय से इस तरह की नीति परिवर्तन की मांग की जा रही थी. पटेल के अनुसार, अब प्रशासन कानूनन बच्चे की आयु निर्धारित करने के लिए आवेदन के फाइलिंग चार्ट की तारीख का उपयोग करेगा. नीति बदलाव से अब अमरीकन ड्रीम और बेहतर हो जाएगा.
करीब ढाई लाख बच्चे होंगे लाभान्वित: अप्रैल 2020 तक 253,293 बच्चे अपने माता-पिता के रोजगार-प्रायोजित वीजा के आधार पर ग्रीन कार्ड की कतार में थे. इससे लाभान्वित होने वाला सबसे बड़ा समूह भारतीय समुदाय का है.
अमरीका में माता-पिता की याचिका के आधार पर वैध स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त करने के लिए बच्चे की उम्र 21 वर्ष से कम होना चाहिए. लेकिन कई बार आप्रवासन प्रक्रिया के दौरान वीजा उपलब्धता खुलने तक बच्चा 21 साल से अधिक हो जाता है. इस तरह से बच्चे के पास माता-पिता के साथ अमरीका में प्रवास करने का अधिकार नहीं रह जाता.
बाइडन ने नियुक्त किया था आयोग
राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नियुक्त एशियन अमरीकन नैटिव हवाईयन एंड पैसिफिक आइलैंडर्स कमीशन और अन्य अधिकार समूहों ने हाल में ग्रीन-कार्ड आवेदकों के बच्चों के लिए नीति बदलाव की सिफारिश की थी. ग्रीन कार्ड आवेदकों के बच्चों को उनका हक देने की मांग की गई थी.