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भगवान शिव की पूजा करते समय न करें ये गलती, नाराज हो जाएंगे भोलेनाथ

मुंबई.  हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा करने का नियम अलग होता है. ऐसा ही एक नियम है भगवान शंकर की पूजा में. भक्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान भोलेनाथ का ध्यान एवं पूजन करते हैं. सभी लोग शिव जी की पूजा के दौरान शिवलिंग पर पूजा सामग्रियां चढ़ाते हैं, पर उनको ये नहीं पता होता कि अनजाने में अर्पित की गई कुछ चीजें शुभ की जगह अशुभ फल दे सकती हैं, जिससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं.

न करें ये गलती नहीं तो शिव जी हो जाएंगे नाराज

शंख जल: भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था. शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था. इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है शिव की नहीं.

तुलसी पत्ता

जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है. इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती.

तिल

यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए.

टूटे हुए चावल

भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है. टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता.

कुमकुम

यह सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता.

हल्दी

हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है.

पानी वाला नारियल

नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जिनका संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए शिव जी को नहीं चढ़ता.

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