जीएसटी फाइलिंग में देरी होने पर अब देना होगा आधा जुर्माना, अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन पर बनी सहमति

छोटे कारोबारियों को जीएसटी फाइलिंग में होने वाली देरी पर लगने वाले जुर्माने में राहत दी गई है। जीएसटीआर 4, 9 व 10 को भरने में होने वाली देरी पर लगने वाले जुर्माने को आधा कर दिया गया है। इसके अलावा छात्रों को राहत देने के साथ ही अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन पर भी सहमति बनी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में ये फैसले लिए गए। किसी भी राज्य या केंद्र के संस्थानों में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की तरफ से आयोजित परीक्षा फीस पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। अभी 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाता था।
पेंसिल शार्पनर भी अब हो जाएगा सस्ता
सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कई अन्य संस्थानों के स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए एनटीए ही परीक्षा का आयोजन करती है। पेंसिल शार्पनर भी अब सस्ता हो जाएगा। अभी पेंसिल शार्पनर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जिसे 12 प्रतिशत कर दिया गया है। काउंसिल की बैठक में राब (तरल गुड़) की बिक्री पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को समाप्त कर दिया गया। लेकिन राब को पैक्ड रूप में बेचने पर उस पर पांच प्रतिशत का जीएसटी लगेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में पान मसाला, गुटखा और चबाने वाले तंबाकू पर लगने वाले सेस के तरीके में भी बदलाव किया गया है।
टैक्स चोरी रोकने के लिए सेस लगाने की प्रक्रिया में बदलाव
वित्तीय थिंक टैंक टीआइओएल नालेज फाउंडेशन के चेयरमैन शैलेंद्र कुमार ने बताया कि अब पहले की तरह एमआरपी आधारित सेस लगेगा। इसके अलावा गुटखा, पान-मसाला की बिक्री की शराब की तरह ट्रैकिंग भी की जाएगी। अधिसूचना जारी होने पर इस संबंध में सब कुछ स्पष्ट हो पाएगा। टैक्स चोरी रोकने के लिए सेस लगाने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। इससे इन उत्पादों के खुदरा मूल्य में बढ़ोतरी हो सकती है।
ट्रिब्यूनल के गठन से जीएसटी संबंधी विवाद को निपटाने में मिलेगी मदद
जीएसटी काउंसिल की बैठक में अपीलेट ट्रिब्यूनल बनाने पर भी सहमति बनी है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लाए जाने वाले वित्त विधेयक में ट्रिब्यूनल के गठन को भी शामिल किया जाएगा। फिलहाल ट्रिब्यूनल के गठन के प्रस्ताव में शब्दों में बदलाव के लिए काउंसिल के सभी सदस्यों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। एक मार्च से पहले इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। ट्रिब्यूनल के गठन से जीएसटी संबंधी विवाद को निपटाने में काफी मदद मिलेगी और व्यापारियों को भी राहत मिलेगी।