नई दिल्ली . अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजे गए संशोधित मसौदा विधेयक में दवा निर्माण के विनियमन का अधिकार राज्य निकायों के बजाय केंद्र को देने का प्रस्ताव किया गया है.
नए औषधि, चिकित्सा उपकरण और प्रसाधन सामग्री विधेयक, 2023 के संशोधित मसौदे के अनुसार, दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों की बिक्री को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा विनियमित किया जाना जारी रहेगा, जो मौजूदा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की जगह ले सकता है. मसौदा विधेयक के अनुसार, ई-फार्मेसी को संचालित करने की अनुमति लेने के प्रावधान को हटा दिया गया है. इनकी जगह लिखा है, केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर ऑनलाइन मोड द्वारा किसी भी दवा की बिक्री, भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री या वितरण की पेशकश को विनियमित, प्रतिबंधित या बाधित कर सकती है. नए औषधि, मेडिकल डिवाइस और सौंदर्य प्रसाधन विधेयक के मसौदे को पिछले साल जुलाई में सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था, जिसमें हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि मानक नियंत्रण संगठन को मसौदा विधेयक पर हितधारकों से कई टिप्पणियां मिलीं, जिसे मंत्रालय द्वारा संशोधित किया गया.