पहले के मुकाबले साफ हुई शहरों की हवा, केंद्र ने किया दावा
किस शहर की आबोहवा पहले के मुकाबले कितनी साफ हुई है, यह तो उन शहरों में रहने वाले लोग ही बता सकते है, लेकिन केंद्र सरकार का दावा है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल 131 शहरों में से करीब 95 शहरों की आबोहवा में पहले के मुकाबले काफी सुधार हुआ है। कई शहरों में यह बदलाव औसतन 50 फीसद तक रिपोर्ट हुआ है।
33 शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं
केंद्र का ध्यान प्रोग्राम में शामिल करीब 33 ऐसे शहरों पर है, जहां वायु प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ या फिर वह बढ़ा है। वहां वह जल्द ही एक बड़ा अभियान चलाने की तैयारी में है। केंद्र का इसे लेकर यह जोर इसलिए भी है, क्योंकि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत इनमें शामिल सभी शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में वर्ष 2024 तक 20 से 30 फीसद तक सुधार का लक्ष्य रखा है।
131 शहरों में से 95 में पीएम 10 का स्तर 2017 से कम
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) में शामिल शहरों की वायु गुणवत्ता में बदलाव का यह आकलन वर्ष 2017 के स्तर पर किया जाता है। मंत्रालय द्वारा संसद में इस बदलाव को लेकर पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीएपी में शामिल 131 शहरों में से करीब 95 शहरों में पीएम 10 का औसत स्तर 2017 के मुकाबले कम हुआ है। खासबात यह है कि एनसीएपी में 122 शहरों को इस आधार पर शामिल किया गया था, क्योंकि यहां प्रदूषण का स्तर वायु गुणवत्ता के तय मानकों से काफी अधिक था।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, जिन शहरों ने एक्शन प्लान पर बेहतर काम किया, वहां सुधार भी दिखने लगा है, वहीं जिन शहरों ने काम नहीं किया, वहां की हवाएं पहले से ज्यादा प्रदूषित हुई।
वायु प्रदूषण का कारण
गौरतलब है कि एनसीएपी ने इन सभी शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ने का जो बड़ा कारण पाया है, उसमें वाहन के उत्सर्जन, सड़कों से उठने वाली धूल, निर्माण कार्यों से होने वाला प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्जन व कचरे आदि का जलाना शामिल है। माना जा रहा है कि जिन शहरों ने हवाओं की गुणवत्ता पहले से बेहतर हुई, वहां इस दिशा में काम हुआ है।