अमेरिका के साथ अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचेगा भारत

वाशिंगटन . व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि भारत ने अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसला किया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त मिशन भेजने पर सहमत हुए हैं.
आईएसएस के लिए संयुक्त मिशन अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच ओवल ऑफिस में होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले कहा कि भारत अर्टेमिस संधि पर हस्ताक्षर कर रहा है. यह मानवजाति के फायदे के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के वास्ते एक साझा दृष्टि को आगे बढ़ा रहा है. नासा और इसरो 2024 में आईएसएस के लिए एक संयुक्त मिशन पर भी सहमत हुए हैं.
क्या है अर्टेमिस संधि 1967 के बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण को दिशानिर्देशित करने के लिए तैयार किए गए गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक सेट है. यह 2025 तक चंद्रमा पर मानव को फिर से भेजने का अमेरिका नीत प्रयास है.
‘स्वागत 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आधिकारिक वार्ता से पहले व्हाइट हाउस में स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं. दोनों देशों को अपनी विविधता पर गर्व है. उन्होंने कहा कि स्वागत सम्मान एक तरह से 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह अमेरिका में रहने वाले करीब 40 लाख भारतीय मूल के लोगों का भी सम्मान है.
एच-1बी वीजा धारक के लिए अच्छी खबर है. अमेरिका का कहना है कि वह इस वीजा को अपने देश में ही नवीनीकरण किए जाने को लेकर तैयार है. इस ऐलान से लाखों एच1बी वीजा धारकों और भारतीय पेशेवरों का फायदा होगा. उन्हें वीजा नवीनीकरण के लिए विदेश यात्रा नहीं करनी होगी, अमेरिका में भी वीजा रिन्यू हो जाएगा. एच-1बी वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किए जाते हैं.
देश में अमेरिका दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा
अमेरिका लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए बेंगलुरू और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा वहीं, भारत सिएटल में एक मिशन स्थापित करेगा. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल भारतीय छात्रों को रिकॉर्ड 1.25 लाख वीजा जारी किए.
गुजरात में सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाएगी माइक्रोन
कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण संयंत्र लगाएगी. इसपर 2.75 अरब डॉलर यानी करीब 22,540 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रोन के सीईओ संजय मेहरोत्रा के साथ बैठक की.