अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित विवेकानंद योग विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार मोटापा, खासकर पेट और कूल्हों पर संचित अतिरिक्त चर्बी (फैट) बड़ी उम्र में स्वास्थ्य को संकट में डाल सकती है. विभिन्न शोध यह साबित करते हैं कि मोटापा कई समस्याओं- जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, रक्त में विभिन्न प्रकार की वसा- जैसे कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड आदि के स्तर का बढ़ना, मधुमेह और गठिया आदि के जोखिमों को काफी हद तक बढ़ा देता है.
हालांकि, विशेषज्ञ वजन कम करने के लिए व्यायाम करने को ही काफी नहीं मानते. खानपान और जीवनशैली भी जरूरी पहलू हैं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में योग से जुड़े हुए विभिन्न शोध व अध्ययनों के मुताबिक विभिन्न रोगों व मोटापा आदि में योग क्रियाएं पूरक चिकित्सा के रूप में लाभ पहुंचा सकती हैं, पर मरीजों को दवाएं लेने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए. विशेषज्ञों की सलाह से ही दवाओं को कम करना चाहिए.
मेटाबॉलिक फिटनेस जरूरी
अमेरिकन मानकों के अनुसार यदि बीएमआई 18.5 से 25 के बीच है तो वजन सामान्य है, परंतु भारतीय मानको के अनुसार 18 से 23 के बीच बीएमआई को सामान्य माना जाता है. 23 से ऊपर होने का अर्थ है कि वजन ज्यादा है. यदि वजन सामान्य से 10 से अधिक है तो इसे मोटा होना कहा जाएगा. अगर यह 20 से अधिक है तो आप बहुत ज्यादा मोटापे से ग्रस्त माने जाएंगे.
हालांकि, विशेषज्ञ बीएमआई को ही अच्छी सेहत का मानक नहीं मानते. अपनी किताब ‘ईटिंग इन द एज ऑफ डाइटिंग’ में आहार विशेषज्ञ रुजता दिवाकर कहती हैं, ‘सही वजन वाले लोग भी कई रोगों से जूझते हुए दिखाई देते हैं. आप मोटापा कम करें, वजन नहीं. कई बार वजन मशीन पर कम होता नहीं दिखता. पर, अगर आप स्वस्थ व अनुशासित जीवन जीते हैं तो इसे मेटाबॉलिक फिट कहा जाएगा. कुछ लोगों में नियमित व्यायाम करने से चर्बी कम होती है, जिससे शरीर में ऊर्जा के स्तर में बढ़ोतरी होती है. वजन भले कम नहीं होता, इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ने से त्वचा स्वस्थ व तरोताजा दिखती है. वजन कम होने मात्र से हृदय के रोग, मोटापा व मधुमेह का जोखिम कम नहीं हो जाता. गलत तरीकों जैसे बिल्कुल न खाना, अति-व्यायाम आदि से कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
ये आसन हैं वजनदार
सूर्य नमस्कार
यह 12 आसनों का एक समूह है, जो पूरे शरीर पर अच्छा प्रभाव डालता है. सूर्य नमस्कार की दूसरी और तीसरी स्थिति को बार-बार करने से वजन तेजी से कम होता है. इन दोनों मुद्राओं को दिनभर में कई बार कर सकते हैं.
भुजंगासन
लटका हुआ पेट भुजंगासन से प्रभावी ढंग से आकार में आता है. मोटापा दूर करने में यह महत्त्वपूर्ण आसन है. नियमित अभ्यास से पेट, कूल्हों, कमर और जांघ पर संचित अतिरिक्त चर्बी को कम किया जा सकता हैं. इसे कम से कम 15 बार करें.
त्रिकोणासन
यह एक बेहतरीन आसन है, जो हाथ, पैर, कमर व कूल्हे की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और उन्हें मजबूती देता है. यह आसन शरीर को व्यायाम के लिए तैयार भी करता है. कई दूसरे फायदों के साथ कमर व जांघ के हिस्सों की चर्बी को कम करने में खास मदद मिलती है.
वज्रासन
इस आसन से मेटाबॉलिज्म सक्रिय होता है. वज्रासन में बैठकर विरेचन क्रिया और भस्त्रित्त्का प्राणायाम करना और प्रभावी हो जाता है. इसके अलावा हलासन, ताड़ासन, आगे झुकने वाले सभी आसन, कपालभाति व भस्त्रिका प्राणायाम मोटापा दूर करने में लाभ पहुंचाते हैं.
पावर योगा की पावर
इसे पतंजलि योग दर्शन का पाश्चात्य संस्करण कह सकते हैं. इसमें सूर्य नमस्कार समेत कड़े श्रम वाले आसन अधिक शक्ति व गति से करते हैं. योग में सहजता पर जोर देतेे हैं, वहीं इसमें गति पर जोर रहता है. बीपी व सांस की समस्या होने पर इन्हें न करें.
खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देना भी जरूरी
वजन नियंत्रण में खानपान का महत्व व्यायाम से कम नहीं है. काबिल-ए-गौर है कि 7500 कैलोरी में 1 किलो वजन बनता है. 2 किलो वजन 1500 कैलोरी में. यदि आप एक महीने में 2 किलो वजन कम करना चाहते हैं, तो 1 दिन में 500 कैलोरी कम करनी होगी. ऐसा केवल व्यायाम से नहीं हो सकता, क्योंकि तेज गति से की गई 1 घंटे की सैर से केवल 250 कैलोरी ही खर्च होती है. इसलिए वजन नियंत्रित करने के लिए आहार पर ध्यान देना जरूरी है.
● व्यायाम के आधे घंटे बाद नाश्ते में अंकुरित अनाज लें. जंक फूड्स और अधिक चिकनाई वाली चीजें न खाएं.
● ठूंस-ठूंस कर न खाएं. भूख से कम खाएं. दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं.
● आहार में सलाद को वरीयता दें. मौसमी फल खाएं.
● खानपान में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दही और छाछ अधिक लें. सोयाबीन भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है.
● रात के भोजन और सोने में कम-से-कम 2 घंटे का अंतर रखें.
● हो सके तो खाली पेट व्यायाम करें. भोजन व व्यायाम के बीच चार घंटे का अंतर रखें. वज्रासन इसका अपवाद है.
● यदि बीमार हैं तो व्यायाम न करें.
● तनावपूर्ण स्थिति या जल्दबाजी में व्यायाम न करें. शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें. सर्जरी या चोट के बाद विशेषज्ञ की सलाह से ही व्यायाम करें.
● व्यायाम के तुरंत बाद नहाएं नहीं. पहले शरीर के तापमान को संतुलित होेने दें.
● योग के कम-से-कम 20 मिनट बाद तक कुछ खाएं-पिएं नहीं. जिम से लौटने के तुरंत बाद योग न करें.