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घूमने की गति बढ़ने से मंगल पर दिन छोटे हुए

कैलिफोर्निया . नासा के मंगल लैंडर के हवाले से यह जानकारी आई है कि मंगल यानी लाल ग्रह के घूमने की गति हर साल बढ़ रही है, जिससे इस ग्रह पर दिन छोटे हो गए हैं. गौरतलब है कि धरती के एक दिन के मुकाबले मंगल के एक दिन की अवधि 37 मिनट अधिक होती है.

जर्नल नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि लाल ग्रह के अपनी धुरी पर घूमने की गति में हर साल 4 मिलीआर्क सेकेंड की बढ़ोतरी हो रही है. इस वजह से प्रति वर्ष मंगल ग्रह पर दिन एक मिलीसेकंड के एक छोटे से हिस्से जितना छोटा हो रहा है.

अध्ययन के सह लेखक ब्रूस बैनर्ड्ट ने कहा कि वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह के घूर्णन का सबसे सटीक मापन किया है. उन्होंने कहा कि असल में मंगल की ध्रुवीय शिखरों पर बर्फ जमा होने से द्रव्यमान में परिवर्तन या हिमनदों के ढंक जाने के बाद उनके भूभाग के उभर कर ऊपर आना ग्रह के तेज गति से घूर्णन के पीछे एक वजह हो सकती है.

आइस स्केटर से की तुलना

वैज्ञानिकों ने ग्रह के द्रव्यमान में कमी की वजह से इसकी गति के तेज होने की तुलना आइस स्केटर से की है, जो खेल के दौरान अपनी बांहों को फैलाकर घूमता है और फिर अंदर खींचता है.

डॉप्लर का स्थान बदलना बनेगा आधार

मंगल ग्रह से इनसाइट लैंडर राइज के जरिये धरती पर मौजूद अंतरिक्ष स्टेशन तक एक रेडियो संकेत भेजता है. बताया जा रहा है कि इन प्रतिबिंबित संकेतों के आधार पर वैज्ञानिक अपने खोज की दिशा डॉप्लर के स्थान बदलने की वजह से आवृत्ति में हुए छोटे बदलावों को खोजने पर केंद्रित करेंगे. ठीक वैसे ही जैसे एंबुलेंस का सायरन की पिच में उसके पास होने और दूर जाने पर बदलाव होता है.

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