
गंगा नदी के साथ पूरे एशिया की नदियों में आंधी- तूफान की दर तेज हो सकती है. ब्रिटेन के न्यू कैस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है.
उनके अनुसार एशियाई नदियों के साथ गंगा में उष्णकटिबंधीय तूफान की दर में वर्ष 2050 तक 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव है. उत्सर्जन इसका बड़ा कारण हो सकता है.
जियोफिजिकल रिसर्च लेटर में प्रकाशित शोध के अनुसार नदियों में उठने वाले आंधी- तूफान भारत, बांग्लादेश और वियतनाम के पूर्वी तट पर निचली डेल्टा प्रणाली के कारण जानमाल को अधिक नुकसान होगा. जलवायु परिवर्तन पर भी इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलेगा. समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी, मौसमी घटनाओं की दर में इजाफा हो सकता है.
उष्णकटीबंधीय तूफान तब बनता है जब महासागरों में पानी से जुड़ी गतिविधियां तेज होती हैं. ऐसे में हवा की गति भारी बारिश के साथ 60 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है.