देश के विभिन्न राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करना प्रतिगामी या पीछे की ओर ले जाने वाला कदम है. इससे मध्यम से दीर्घावधि में राज्यों की वित्तीय स्थिति अस्थिर हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने एक लेख में यह कहा है.
लेख में कहा गया है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मामले में कुल वित्तीय बोझ नई पेंशन योजना (एनपीएस) का 4.5 गुना तक हो सकता है. नई पेंशन योजना को एक दशक से भी पहले पेंशन सुधारों के हिस्से के रूप में लागू किया गया था. शोध पत्र में व्यक्त विचार आरबीआई के नहीं हैं. लेख में कहा गया है कि हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने एनपीएस से ओपीएस की ओर स्थानांतरित होने की घोषणा की है. इसमें यह भी कहा गया है कि राज्यों का ओपीएस पर लौटना एक बड़ा कदम होगा और मध्यम से दीर्घावधि में उनके राजकोषीय दबाव को अस्थिर स्तर तक बढ़ा सकता है.’’
राज्यों के ओपीएस पर वापस लौटने से वार्षिक पेंशन व्यय में 2040 तक जीडीपी का सालाना सिर्फ 0.1 प्रतिशत बचाएंगे, लेकिन उसके बाद उन्हें वार्षिक जीडीपी के 0.5 प्रतिशत के बराबर पेंशन पर अधिक खर्च करना होगा.