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दुनिया भर में हर तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उच्च रक्तचाप के दुनियाभर में पड़ रहे प्रभाव पर पहली रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा कि हर पांच में से चार व्यक्ति का पर्याप्त तौर से इलाज नहीं हो रहा है. वहीं, उच्च रक्तचाप से दुनियाभर में तीन में से एक व्यक्ति प्रभावित है.

रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया कि अगर देश स्वास्थ्य कार्यक्रमों को तेजी से बढ़ाते हैं तो 2023 और 2050 के बीच 7.6 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है. प्रभावी इलाज की मदद से स्ट्रोक से 12 करोड़, दिल के दौरे से 7.9 करोड़ और हार्ट फेल होने से 1.7 करोड़ होने वाली मौतों पर भी लगाम लगाई जा सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश, क्यूबा, भारत और श्रीलंका सहित 40 से अधिक निम्न और म ध्यम आय वाले देशों ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करके उच्च रक्तचाप के मामलों को समय के साथ कम किया है.

उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों की संख्या 1990 और 2019 के बीच दोगुनी हो गई. यह संख्या 65 करोड़ से 1.3 अरब पहुंच गई है. वहीं विश्व स्तर पर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लगभग आधे लोग वर्तमान में अपनी बीमारी से अनजान हैं. इसके अलावा, उच्च रक्तचाप से पीड़ित तीन-चौथाई से अधिक वयस्क निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं. इस बारे मेंरिजॉल्व टू सेव लाइव्स के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. टॉम फ्रीडेन ने कहा कि हर घंटे एक हजार से अधिक लोग स्ट्रोक और दिल के दौरे से मरते हैं.

द लांसेट के अनुसार, भारत में मृत्यु और विकलांगता के लिए उच्च रक्तचाप सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक है. इसमें कहा गया कि 2016-2020 के दौरान भारत में एक-चौथाई से भी कम रोगियों का रक्तचाप नियंत्रण में था, हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में इस दर में सुधार हुआ है.

बीमारी का कारण

● अधिक उम्र और आनुवंशिकी के कारण उच्च रक्तचाप का खतरा

● अधिक नमक वाला भोजन करना

● शारीरिक रूप से सक्रिय न होना

● अधिक मात्रा में शराब पीना

● खान-पान से मोटापे में बढ़ोतरी होना

ये बदलाव मददगार

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार खाना, तंबाकू छोड़ना और अधिक सक्रिय रहना रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, इसके रोकथाम के लिए बीमारी का शीघ्र पता लगना और प्रभावी प्रबंधन से भी देखभाल की जा सकती है.

उच्च रक्तचाप से होने वालीं समस्याएं

हाई बीपी के कारण दिल का दौरा, हार्ट फेल, गुर्दे को नुकसान और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक स्वस्थ्य व्यक्ति का रक्तचाप 140/90 एमएमएचजी होना चाहिए.

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