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छत्तीसगढ़ में प्रारंभिक शिक्षा में स्थानीय भाषा में तकनीकी प्रौद्योगिकी के उपयोग को देश-विदेश के शिक्षाविदों एवं स्कॉलरों ने सराहा

नई दिल्ली के डॉ. भीमराव अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर जनपथ नई दिल्ली में दो दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव एवं भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी समापन का आयोजन किया गया. भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सिर्फ छत्तीसगढ़ और असम राज्य के भाषा शिक्षण स्टाल को आमंत्रित किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में प्रारंभिक कक्षाओं में स्थानीय भाषा में तकनीकी प्रौद्योगिकी पर शिक्षकों द्वारा किये जा रहे कार्य पर लगे स्टॉल की सराहना देश-विदेश से आये शिक्षाविदों एवं भाषा शिक्षण के स्कॉलरों ने की है.

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 30 सितम्बर और केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने 01 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के स्टॉल का निरीक्षण किया. छत्तीसगढ़ के स्टॉल में समग्र शिक्षा समूह की ओर से भाषा सीखने में टेक्नोलॉजी के उपयोग को बेहतरीन तरीके से समझाया गया है. इस टेक्नोलॉजी से बच्चों में नवाचारों को लाने की उपयोगिता को भी बखूबी से दर्शाया और व्याख्यान करके समझाया गया. श्ैाक्षणिक परिवेश में छत्तीसगढ़ के नवाचार बहुत उपयोगी हैं.

उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में पूरे देश भर से सिर्फ छत्तीसगढ़ व असम को इस कार्यक्रम में स्टाल के लिए स्थान मिला. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य में स्कूली बच्चों को शिक्षा दिए जाने के लिए स्थानीय भाषा-बोली में पाठ्यक्रम तैयार कर पुस्तकें प्रकाशित की है और इसके माध्यम से शिक्षा दी जा रही है. इसका मूल उद्देश्य स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के साथ-साथ बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि एवं उनके ज्ञान के स्तर को बेहतर बनाना है. स्थानीय भाषा पर आधुनिक तकनीक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते किये जा रहे कार्याे की अब देश विदेश में प्रशंसा होने लगी है.

कार्यक्रम स्थल पर भारतीय भाषा के विकास व उसके संवर्धन के लिए कार्य करने वाली देश की महत्वपूर्ण नामी संस्थाओं जैसे मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन भारत सरकार के अधीन अनुवादिनी, आईसेक्ट भारतीय भाषा पुस्तकें, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यायल, भारतीय भाषा संस्थान, केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्टाल लगाया गया है.

राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ के द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थानीय भाषा में तकनीक प्रौद्योगिकी उपयोग करते हुए शिक्षण करने वाले शिक्षक महेंद्र राम मंडावी बस्तर, नित्यानन्द यादव जशपुर, श्रीमती योगेश्वरी साहू बलौदाबाजार, राजमोहन श्रीवास्तव रायपुर, सावित्री साहू बेमेतरा को चयनित किया गया है. इनके द्वारा नई दिल्ली में   छत्तीसगढ़ की विलुप्त होती स्थानीय भाषा को संरक्षित करने के लिए शिक्षण में तकनीकी प्रौद्योगिकी उपयोग के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक की प्रस्तुति दी गई.

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