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चिकित्सा विशेषज्ञों का सुझाव है कि हार्ट फेलियर की घटनाओं की रोकथाम के लिए टास्क फोर्स गठित की जाए. वहीं, आनुवांशिक जांच से इसकी रोकथाम के अग्रिम उपाय सुनिश्चित किए जाने की भी सलाह दी गई है.
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, जिस तरह भारतीयों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप की परेशानी बढ़ रही है, इससे हार्ट फेलियर की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हो सकती है. इस शोध में 25 विशेषज्ञों की राय को शामिल किया गया है. सिफारिश की गई है कि मरीजों की जेनेटिक स्क्रीनिंग की जाए. इससे तय हो सकता है कि कौन दिल की बीमारी का शिकार हो सकता है.
एक बहुपक्षीय टास्क फोर्स बनाने की सिफारिश भी की गई है. इसमें हृदय रोग विशेषज्ञों, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों, तकनीकी विशेषज्ञों, आईटी विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के विशेषज्ञों को शामिल करने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा अगले तीन और पांच वर्ष के लिए रणनीति बनाने को कहा गया है.