बिहार सरकार ने जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. पांच राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले जारी की गई इस रिपोर्ट ने चुनावी एजेंडा भी तय कर दिया है. इंडिया केंद्र से जातीय गणना कराने की मांग कर रहा है. बिहार सरकार की इस रिपोर्ट के बाद सामाजिक न्याय का मुद्दा जोर पकड़ सकता है.
कांग्रेस पूरी शिद्दत से जाति जनगणना के मुद्दे को उठा रही कांग्रेस जितनी आबादी, उतना हक के वादे के साथ पूरी शिद्दत से जातीय गणना के मुद्दे को उठा रही है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार की जातीय गणना से बता चला है कि ओबीसी, एससी व एसटी की आबादी 84 फीसदी है. केंद्र के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं. वह भारत का सिर्फ पांच फीसदी बजट संभालते हैं.
जातीय गणना इंडिया का चुनावी मुद्दा है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं के बड़े तबके ने भाजपा का समर्थन किया था. सीएसडीएस की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में ओबीसी जातियों के 40 फीसदी वोटरों ने भाजपा को वोट किया था.