शरद पूर्णिमा के चांद पर इस बार ग्रहण, आज शाम 4 बजे से सूतक
शरद पूर्णिमा के चांद को शनिवार/ रविवार को ग्रहण लग रहा है। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि आकाश से अमृत वर्षा होती है। खंड ग्रास के कारण इस बार शरद पूर्णिमा प्रभावित रहेगी। यह ग्रहण 28/ 29 अक्तूबर की मध्यरात्रि के बाद प्रारंभ होगा। भारत में इसका सूतक रहेगा। यह साल का अंतिम ग्रहण होगा।
चांद के आगे खीर नहीं रखी जाएगी
शरद पूर्णिमा की रात्रि को घरों पर चंद्रमा के आगे खीर, चौला रखने की बरसों पुरानी परंपरा है। मान्यता है कि चंद्रमा का वार्षिक अमृत खीर या चौला में आ जाता है। इस बार
यह कार्य नहीं होगा। साथ ही, शनिदेव पर शाम को तेल भी नहीं चढ़ेगा।
ये न करें
● मूर्ति स्पर्श न करें। कर्मकांड न करें, खाने-पीने से परहेज करना चाहिए
● तामसिक चीजों से बचना चाहिए
मंदिरों के कपाट आज शाम से बंद
चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले से प्रारंभ होता है। सूतक के दौरान पूजा पाठ, मूर्ति स्पर्श और खाने-पीने से भी परहेज किया जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण अशुभ घड़ी होती है, इसलिए पूजा पाठ निषिद्ध होता है। लेकिन मानसिक जाप कर सकते हैं। सूतक के कारण मंदिर के कपाट भी बंद हो जाएंगे।
अनुमान क्या
ज्योतिषियों के मुताबिक ग्रहण के डेढ़ महीने तक मौसम में बड़ा बदलाव हो सकता है। आंधी-तूफान, भूकंप जैसी घटना भी हो सकती है।
क्या करें
● शनिवार को शाम 4 बजे से पहले ही तुलसी दल तोड़ लें
● खाने-पीने के सामान और प्रशाद में तुलसीदल डाल दें
● ग्रहण समाप्ति के बाद पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें
विशेष पूजा और दान
● ऊं नम शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र, ऊं सोम सोमाय नम का जाप करें
● हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्त्रत्त्नाम, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय जपें
● दूध और सतनाजा का दान करें
● ग्रहण में महामृत्युंजय मंत्र अधिक प्रभावी माना जाता है
28/29 अक्तूबर 2023 शरद पूर्णिमा, दिन शनिवार ग्रहण प्रारंभ
चंद्रमा पर हल्की छाया यानी पेनम्ब्रा का चरण 28 अक्तूबर की रात 11.32 बजे से प्रारम्भ होगा जो देर रात 3.56 बजे समाप्त होगा।
मुख्य चरण
रात 1.05 बजे से 2.24 बजे तक
अवधि- एक घंटा 19 मिनट
सूतक- शनिवार शाम 4.05 बजे से
पूर्णिमा पर ही होता है
चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा पर होता है। जब चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में अर्थात परस्पर 180 डिग्री पर होते हैं और पृथ्वी इनके मध्य आ जाती है।
इनको है छूट
बीमार, बच्चे, वृद्ध और गर्भवती स्त्रित्त्यों को ग्रहण और सूतक काल में खाने की छूट है।
कहां-कहां दिखेगा
ग्रहण भारत सहित श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, ईरान, ईराक आदि अधिकांश देशों में स्पष्ट देखा जा सकेगा।