राष्ट्रीयट्रेंडिंगव्यापार

नशीली दवाओं के कारोबार पर शिकंजा

ड्रग और नशीली प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार पर नकेल में देशव्यापी अभियान चलाने के साथ भारत वैश्विक स्तर पर भी नेटवर्क मजबूत बना रहा है. विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां अलग-अलग देशों से हो रही ड्रग और प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी को रोकने के लिए 80 से ज्यादा देशों के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

एजेंसियों का मानना है कि देश में ड्रग की धरपकड़ और इन्हें नष्ट करने के साथ तस्करी का नेटवर्क तोड़ने की जरूरत है. इसलिए इंटरपोल के जरिये बनी सहमति के अनुपालन में व्यापक नेटवर्क तैयार कर आपराधिक गिरोहों की पहचान, इनके अपराध के तरीको को चिह्नित कर के नकेल के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि खतरनाक फार्मास्यूटिकल्स की जब्ती, आपराधिक वेबसाइटों को बंद करने सहित एक दूसरे को त्वरित सूचना प्रदान कर साझा एक्शन की कार्रवाई की जा रही है. ड्रग तस्करी के अलावा प्रतिबंधित दवाओं को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाएं वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा जब्त की जाने वाली दवा बनी हुई हैं. इनको अवैध तरीके से विभिन्न देशों में भेजा जा रहा है.

भारत में कार्रवाई का स्तर बढ़ा सूत्रों ने कहा, नशीले पदार्थों पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्था, इंटरनेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड में भी भारत का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है. जहां कई देशों में घटनाओं की कम रिपोर्टिंग को लेकर चिंता सामने आई है वहीं भारत में ड्रग पकड़ने और उनकी रिपोर्टिंग करते हुए कार्रवाई का स्तर बढ़ा है. ड्रग की पांच वर्षों यानी 2017 से 2022 तक देश में नशीली दवाओं की बरामदगी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

तीन हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए

आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में 12,000 करोड़ रुपए का मादक पदार्थ पकड़ा जा चुका है. 2006 से 2013 के बीच कुल 1250 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2014 से 2023 के 9 सालों में 3,700 मामले दर्ज हुए, जो 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. पहले 1,360 गिरफ्तारी हुई थी, जो अब 5,650 हो गई हैं, जो 300 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. जब्त ड्रग की मात्रा पहले 1.52 लाख किलोग्राम थी, जो 160 बढ़कर 3.94 लाख किलोग्राम हो गई है.

डार्क वेब के जरिए अवैध कारोबार चल रहा

अवसाद, घबराहट या तनाव की दवाएं, कई तरह के उत्तेजक दवाओं की भी अवैध तस्करी ही रही है. हार्मोन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की नकली दवाएं भी अवैध नेटवर्क के जरिये धड़ल्ले से वैश्विक स्तर पर बेंची का रही हैं. वेबसाइट के जरिये अवैध लेनदेन चल रहा है. डार्क वेब के जरिये अवैध कारोबार चल रहा है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button