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राममंदिर निर्माण में चार लाख गांवों का योगदान

अयोध्या. श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर का वर्तमान स्वरूप देश के चार लाख गांव के रामभक्तों के योगदान से तैयार हो गया है. दिसंबर तक भूतल व प्रथम तल का निर्माण पूरा हो जाएगा. खास ये है कि देश के चार लाख से अधिक गांव से आई छोटी-छोटी धनराशि से ही भूतल व प्रथम तल का अधिकांश भाग बनकर तैयार हो गया है.

वहीं, दर्जनों रामभक्तों ने भी चार कुंतल सोना चांदी के रूप में अपना योगदान दिया है. इसे अब तक उपयोग में नहीं लाया जा सका है. बताया जाता है कि सोना चांदी का किस तरह से उपयोग होना है उस पर अभी सहमित नहीं बन पाई है. वहीं पिछले दिनों राममंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने भी बताया कि राममंदिर के निर्माण के लिए आई सहयोग राशि छोटी छोटी धनराशि के रूप में आई है, यह धनराशि चार लाख से अधिक गांव से आम लोगों ने समर्पण निधि के रूप में दी है.

राष्ट्रमंदिर बनाने की कवायद पांच सौ वर्षो के इंतजार के बाद बन रहा यह मंदिर धीरे धीरे खुद ब खुद राष्ट्रीय स्वरूप लेता जा रहा है. 155 देशों का जल इसके लिए पहले ही समर्पित किया जा चुका है. देश के पवित्र नदियों के जल मिट्टी नीव में पूजित हो चुके हैं. गांव गांव से आए चंदे से निर्माण हो रहा है. पांच लाख गांव में पूजित अक्षत भेजा है.

अभियान में ही जमा हुए तीन हजार करोड़ रुपये

विहिप की ओर से 15 जनवरी से 27 फरवरी 2021 तक राममंदिर निर्माण के लिए एक विशेष वृहद अभियान चलाया था. इस दौरान नौ लाख से अधिक कार्यकर्ताओं ने देशभर में अभियान छेड़कर घर घर पहुंचने की कोशिश की थी. इस दौरान दस, 100 व एक हजार रुपये के कूपन तीर्थ क्षेत्र ने जारी किए थे. इस अभियान के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 5 लाख रुपये का चेक देकर समर्पण की शुरुआत की थी. अभियान की समाप्ति के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा यह बताया गया था कि राममंदिर निर्माण के लिए तीन हजार करोड़ से अधिक की धनराशि जमा की गई थी.

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