प्राण प्रतिष्ठा के लिए मोदी ने राम के आराध्य से आशीर्वाद मांगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रामेश्वरम में अग्नि तीर्थ तट पर स्नान करने के बाद प्राचीन शिव मंदिर भगवान अरुलमिगु रामनाथस्वामी में पूजा की. इससे पहले मोदी ने श्रीरंगम में रामायण से जुड़े प्राचीन मंदिर श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की और विद्वानों से कंब रामायण का पाठ सुना. मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए श्री राम के आराध्य रंगनाथस्वामी से आशीर्वाद मांगा.
मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर परिसर के भीतर 22 तीर्थों में डुबकी लगाई. 22 तीर्थों का मतलब प्राकृतिक झरने से है और उनमें से प्रत्येक को तमिल में नाजी किनारू (कुआं) के रूप में जाना जाता है. पुजारियों ने मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया. मोदी ने यहां रामायण पाठ और भजन संध्या में हिस्सा लिया. तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम द्वीप पर स्थित शिव मंदिर का संबंध रामायण से भी जुड़ा है.मोदी 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले उन मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं, जिनका रामायण में जिक्र है.
रोड शो मोदी ने रामेश्वरम में रोड शो किया जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय बुजुर्गों, महिलाओं, युवकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. कई लोगों ने उनके काफिले पर पुष्पवर्षा की. काफिले गुजरने के दौरान अपने घर के दरवाजे पर खड़ी एक बुजुर्ग महिला ने प्यार से हाथ उठाकर मोदी को आशीर्वाद दिया. इस पर प्रधानमंत्री ने भी हाथ जोड़कर जवाब दिया.
कंब रामायण के छंद सुने
मंदिर में प्रधानमंत्री ने कंब रामायण के छंद सुने जो रामायण के प्राचीन संस्करणों में से एक है. कंब रामायण की रचना तमिल कवि कंबर ने 12वीं शताब्दी में की थी. प्रधानमंत्री ने जिस मंदिर में दर्शन किए हैं, उसका कंब रामायण से गहरा संबंध है. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, मोदी आज उसी स्थान पर बैठे थे जहां कवि कंबर ने पहली बार तमिल रामायण का गायन किया था. इससे तमिल, तमिलनाडु और श्री राम के बीच गहरे संबंध को बल मिला. मोदी तमिलनाडु के रंगनाथस्वामी मंदिर में आनेवाले पहले प्रधानमंत्री हैं.
भेंट किए गए वस्त्रत्त् को अयोध्या ले जाया जाएगा
मंदिर की ओर से मोदी को पारंपरिक रूप से वस्त्रत्त्म यानी शॉल और कपड़े भेंट किए गए. वस्त्रत्तें को अयोध्या में श्रीराम मंदिर ले जाया जाएगा, जहां सोमवार को भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है.