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जैली, अंगूर से कृत्रिम दिमाग बनाया

दिमाग की सर्जरी करना आसान नहीं होता. इसके लिए डॉक्टरों को कई साल तक सर्जरी करना सिखाया जाता है. डॉक्टर को शवों के मस्तिष्क के साथ सर्जरी करना सिखाया जाता है, लेकिन कई बार शव नहीं मिलते. इस समस्या के समाधान के लिए एम्स ने जैली, अंगूर, खाली बर्तन जैसे सामानों का इस्तेमाल कर इंसान के दिमाग का मॉडल तैयार किया है. अब इसके जरिए न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर दिमाग की सर्जरी करना सीख रहे हैं.

एम्स के डॉक्टरों ने महज 500 रुपये में एक मॉडल तैयार एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. विवेक टंडन ने बताया कि दिमाग की सर्जरी की बारीकी सिखाना बहुत जरूरी है. एक छोटी सी गलती भी मरीज की जान ले सकती है. किताब की मदद से दिमाग की 2डी पिक्चर दिखाई देती है. इसकी मदद से दिमाग के अंदर धमनियों सहित अन्य अंगों का आकलन कर पाना स्पष्ट नहीं हो पता. ऐसे में कांच के बर्तन में जैली, छोटे फल सहित दूसरे सामानों के इस्तेमाल से महज 500 रुपये में एक मॉडल तैयार किया है. इसकी मदद से डॉक्टर को सर्जरी सिखाई जाती है.

इसके जरिए सर्जरी करने में मदद मिलेगी इसमें सामान्य ऑपरेशन की तरह दिमाग की जांच की जाती है. इसके बाद सुईं डालकर अंगों की पहचान और सर्जरी करवाई जाती है. ऐसा करने से डॉक्टर को यह पता होता है कि किस अंग के पीछे कौन सा ऊतक या रक्त वाहिनी छिपी है. डॉक्टर यह 3डी में देख सकते हैं. इससे न केवल सर्जरी करना आसान होता है, बल्कि जब डॉक्टर शव पर इसका इस्तेमाल करते हैं तो उसके पास पहले से आकलन होता है कि सिर के किस हिस्से में कौन सी धमनी या दूसरे अंग हैं, जिनको बचाकर रोग तक पहुंचना है और उसकी सर्जरी करनी है.

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