नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता. देश में लगभग 28 फीसदी लोग उच्च रक्तचाप यानी अधिक बीपी से पीड़ित हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग दो तिहाई लोगों को बीमारी का पता ही नहीं होता. अमेरिका की मेडिकल पत्रिका जामा नेटवर्क में प्रकाशित एक शोध में यह जानकारी सामने आई है.
अध्ययन में 18 वर्ष से लेकर 64 तक की आयु के लोग शामिल थे. इनमें अधिकतर की उम्र 40 साल से कम थी. शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित 44 फीसदी लोग बीमारी का पता होने के बाद भी दवा नहीं लेते हैं. वहीं, दवाएं लेने वाले 53 फीसदी लोगों का रक्तचाप नियंत्रण में था.
रक्तचाप की बीमारी एक साइलेंट किलर के रूप में काम करती है. बीमारी का पता होने के बावजूद दवा न लेना खतरनाक हो सकता है.
किडनी फेल होने के बाद पता चला उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को किडनी, लिवर, स्ट्रोक और हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है. कुछ दिनों पहले यूपी के अलीगढ़ से एक ऐसा मरीज इमरजेंसी आया, जिसकी किडनी फेल हो चुकी थी.
डॉक्टर ने बताया कि जांच की तो पता चला, ये क्रोनिक रक्तचाप से पीड़ित थे. इनको लक्षण भी दिखते थे, लेकिन ये सिर दर्द मानकर नजरंदाज कर देते थे. उन्हें अस्पताल में पता चला कि वे बीपी के मरीज हैं, लेकिन तब तक उनकी किडनी फेल हो चुकी थी.
ये हैं खतरे
● उच्च रक्तचाप ब्रेन स्ट्रोक और हृदयघात की सबसे बड़ी वजह
● लंबे समय से पीड़ितों को किडनी-लिवर की गंभीर बीमारी का खतरा
● पीड़ित की आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है