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इस साल निवेशकों को तगड़ा मुनाफा देने में चांदी सबसे आगे

इस साल निवेशकों को मोटा मुनाफा देने में चांदी सबसे आगे निकल गई है. चालू कैलेंडर वर्ष में 21 जून तक चांदी ने करीब 23 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, सोने ने 14.87 फीसदी, सेंसेक्स ने 7.25 फीसदी और निफ्टी ने 8.45 फीसदी का ही मुनाफा दिया है. इस तरह चांदी निवेशकों को मालामाल करने में सोने और घरेलू शेयर बाजारों से कहीं आगे हैं.

एक माह में 10 हजार रुपये से अधिक इजाफा चांदी की कीमत इस साल जनवरी की शुरुआत में 75,000 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास थी, जो 21 जून को खत्म हुए कारोबारी सत्र तक 93,700 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई. मई के महीने में यह 83 हजार रुपये तक पहुंची थी.

छह माह में मुनाफा एक महीने में ही इसकी कीमत में 10 हजार रुपये प्रतिकिलो किलो से अधिक का इजाफा हो चुका है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह चांदी ने बीते छह माह में करीब 23 फीसदी का मुनाफा निवेशकों को करवाया है.

ईटीएफ में भारी निवेश

बेहतर रिटर्न की वजह से चांदी के ईटीएफ में भी इस साल जमकर निवेश हुआ है. म्युचुअल फंड के संगठन एम्फी के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से मई 2024 की अवधि में सिल्वर ईटीएफ में 2653 करोड़ रुपये का निवेश आया. वहीं, गोल्ड ईटीएफ में 2460 करोड़ का ही निवेश आया.

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल सोने और चांदी की कीमतों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दुनियाभर में उपजे भू-राजनीतिक संकट के चलते इनमें और तेजी देखने को मिल सकती है. भारत में सोने की कीमत 73,350 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर बनी हुई है. आने वाले समय में यह 85000 हजार के स्तर को छू सकता है. इसी तरह चांदी 93000 रुपये प्रति किलो का स्तर छू चुकी है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वक्त में यह एक लाख रुपये के पार निकल सकती है.

शेयर बाजार सुस्त रहा

सोने-चांदी के मुकाबले इस साल अब तक भारतीय शेयर बाजार में सुस्ती दिखी है. सेंसेक्स 77,000 के ऊपर चल रहा है. वहीं, निफ्टी भी 23500 अंक के स्तर पर बना हुआ है. सेंसेक्स और निफ्टी ने इस साल बेहद मामूली रिटर्न दिया है. निफ्टी ने 8.75 और सेंसेक्स ने 7.25 प्रतिशत का रिटर्न ही निवेशकों को दिया है.

मांग से वृद्धि से तेजी

बाजार विशेषज्ञों को नई सरकार में आर्थिक सुधारों के तेज होने की उम्मीद है. भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. दुनियाभर में ईवी और हाइब्रिड कारों की बढ़ती डिमांड और सौर ऊर्जा के क्षेत्र पर बढ़ते फोकस से भी चांदी को बड़ा सहारा मिला है. केंद्र सरकार भी सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रीत कर रही है. माना जा रहा है कि चांदी की औद्योगिक मांग इस साल 10 फीसदी और बढ़ सकती है.

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