नया दूरसंचार अधिनियम-2023 26 जून से लागू हो गया है. इसमें फोन ग्राहकों के लिए ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे उनकी आईडी और सिम कार्ड का गलत उपयोग नहीं किया जा सकेगा.
एक आईडी पर नौ सिम
एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना है. दूसरी बार यही काम करने पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना है. सिम बेचने के लिए बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा, उसके बाद ही सिम जारी होगा. सिम कार्ड क्लोन करना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा.
तीन साल की सजा होगी
इस कानून में प्रावधान किया गया है कि फर्जी तरीके से सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर भी तीन साल तक की जेल हो सकती है या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
सरकार के पास होगी शक्ति
सरकार को आपातकाल के समय किसी भी दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क का नियंत्रण लेने की अनुमति होगी. सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के लिए भी दूरसंचार सेवाओं का कंट्रोल अपने हाथ में ले सकती है.
कॉल टैपिंग पर भारी जुर्माना
कॉल टैप करना या रिकॉर्ड करना अपराध माना जाएगा. इसके लिए तीन साल की सजा भी हो सकती है. साथ ही दो करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
अनचाही कॉल रुकेगी
यदि ग्राहक डू-नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा चालू रखता है तो उसके पास इस तरह के एसएमएस या कॉल नहीं जाने चाहिए. ग्राहक बार-बार आने वाले फोन कॉल की शिकायत भी कर पाएंगे.