बिजली बिल में इजाफे के विरोध में 29 से बंद हो जाएंगी लोहा फैक्ट्रियां
रायपुर: बिजली बिल में हुए इजाफे के विरोध में 29 से प्रदेशभर की लोहा फैक्ट्रियां बंद हो जाएगी. लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए लोहा फैक्ट्री संचालकों द्वारा इसका निर्णय लिया गया है. साथ ही इसकी घोषणा करने की तैयारी में जुटे हुए है.
स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि बिजली बिल में हुए इजाफे के चलते अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बिजली 25 फीसदी बढ़ाने पर उन्होंने राज्य सरकार से कई बार गुहार लगाई. लेकिन, कई बार अनुरोध करने के बाद भी अब तक कोई ठोस आश्वासन और राहत नहीं मिल पाई है. कोई पहल नहीं करने पर 29 तारीख की रात से सभी फैक्ट्रियां बिजली में 25 फीसदी इजाफे के विरोध में बंद हो जाएंगी. इससे न केवल छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि बेरोजगारी की दर पर भी प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग का 60 फीसदी लोड उद्योगों से आता है. इससे विद्युत विभाग को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि प्रदेश में 850 से अधिक इस्पात उद्योग हैं. इन उद्योगों में 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रत्यक्ष और 7 लाख से ज्यादा अप्रत्यक्ष रूप से जुडे़ हुए है. राज्य सरकार को हर साल करीब 10,000 करोड़ रुपए की जीएसटी और करीब 5,000 करोड़ रुपए की रायल्टी मिलती है.
कई दौर की बातचीत: लोहा कारोबारियों ने बताया कि राज्य सरकार के साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देने के साथ ही कई दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, अब तक पहल नहीं की गई है. जबकि, देशभर में छत्तीसगढ़ दूसरा प्रमुख स्टील उत्पादक राज्य है. स्थानीय उत्पादन का केवल 15 फीसदी राज्य में खपत होती है.
85 फीसदी लोहा दूसरे राज्यों में भेजा जाता है. इस उत्पादन को बेचने के लिए ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है.