900 मेगावाट अक्षय ऊर्जा से छत्तीसगढ़ में रोशन हो रहे हजारों घर
रायपुर: पारंपरिक कोयला आदि से बिजली उत्पादन की निर्भरता कम करने के लिए छत्तीसगढ़ में अन्य विकल्प तलाशे जा रहे हैं, जिसमें अक्षय ऊर्जा से बिजली उत्पादन प्रमुख विकल्प बनता जा रहा है. अक्षय ऊर्जा के तहत सोलर ऊर्जा से छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए छत्तीसगढ़ पावर कंपनी ने अलग से सोलर एनर्जी शाखा ही बनाया हुआ है. वर्तमान में प्रदेशभर में करीब 900 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जा रहा है. इसमें आम उपभोक्ता भी अहम योगदान दे रहे हैं. आम उपभोक्ताओं के छत पर सोलर प्लांट लगाकर 90 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है. वहीं, औद्योगिक प्लांटों में ओपन एक्सेस पर 700 मेगावाट का प्लांट पूरे छत्तीसगढ़ में चल रहे हैं.
कुसुम ए योजना में 2 मेगावाट का उत्पादन
किसानों को सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली प्रदान करने के लिए पीएम कुसुम ए योजना शुरू की गई है. इसके तहत 2 मेगावाट का बिजली वर्तमान में उत्पादन किया जा रहा है. इस योजना के तहत मार्च 2025 तक 15 मेगावाट तक उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
राजनांदगांव में बैट्री संचालित सबसे बड़ा प्लांट
राजनांदगांव में सौर ऊर्जा और बैट्री संचालित (बीईएसएस) देश का सबसे बड़ा प्लांट संचालित हो रहा है. यहां 100 मेगावाट का उत्पादन क्षमता है. इसमें वर्तमान में 40 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है. इस योजना से उन उपभोक्ताओं को रात में बिजली पहुंचाई जा रही है, जहां सोलर ऊर्जा से केवल दिन में बिजली मिल रही है. बैट्री संचालित प्लांट से रात में 3 घंटे तक बिजली दी जा रही है.
कृषि फीडरों में लगेंगे सोलर प्लांट
कृषि क्षेत्र में सोलर ऊर्जा को अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए 308 मेगावाट की नई योजना शुरू की जा रही है. इसके तहत कृषि फीडरों में सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे. इसके लिए ट्रेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. वहीं, सितंबर तक कार्य शुरू करने के लिए आदेश जारी कर दिए जाएंगे.
सूर्य की रोशनी से रोशन होंगे 25000 घर
पीएम सूर्य घर बिजली योजना को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में कई प्रयास किए जा रहे हैं. सोलर एनर्जी शाखा ने 2024-25 में प्रदेशभर के 25000 आम उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ देने की योजना बनाई है. इसके लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जा रहा है. इस योजना के तहत सभी शासकीय भवनों में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. वर्तमान में प्रदेशभर के 6000 उपभोक्ता इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. इस योजना के प्रत्येक परिवार को 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी. उपयोग के बाद बिजली विभाग को ही उपभोक्ता बेच सकेंगे.
आम उपभोक्ताओं के छत पर- 90 मेगावाट
औद्योगिक इकाईयों में ओपन एक्सेस प्लांट- 700 मेगावाट
राजनांदगांव में बैट्री संचालित प्लांट- 100 मेगावाट
कुसुम ए योजना के तहत- 2 मेगावाट
कुसुम सी योजना शुरू होने वाली है- 308 मेगावाट (टेंडर प्रक्रिया पूरी) अधिकतर सोलर एनर्जी से उत्पादन हो रहा