मैदान-ए-जंग में महज 12 मिनट में अस्पताल बना देगी सेना
नई दिल्ली:युद्ध क्षेत्र में घायल जवानों को गोल्डेन ऑवर ट्रीटमेंट मिलेगा. इसके लिए भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना ने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पहली स्वदेशी आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब स्थापित की है. क्यूब आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस है. चिकित्सकीय टीम 12 मिनट में इसे उपचार के लिए तैयार कर सकती है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय वायुसेना के सी-130जे सुपर हरक्यूलिस टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट एसरक्राफ्ट की मदद से क्यूब को एयरलिफ्ट और पैरा ड्रॉप किया गया. पैरा ड्रॉप में सेना के पैरा ब्रिगेड की भूमिका अहम रही, जो दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जानी जाती है. क्यूब से आपात और आपदा की स्थिति में बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी. ट्रॉमा क्यूब को भारत हेल्थ इनीशिएटिव फॉर सहयोग हित और मैत्री (भिस्म) कार्यक्रम के तहत तैयार किया गया है.
गंभीर चोट का उपचार संभव हेल्थ क्यूब की मदद से 40 तरह की बुलेट इंजरी, 25 तरह के रक्तस्राव और 25 तरह के जलने के मामलों का उपचार होगा. ट्रॉमा की 20 से अधिक सर्जरी, जबड़ा, सीना, रीढ़ की हड्डी और हाथों- पैरों में लगने वाली चोट का इलाज संभव है. हेड इंजरी समेत अन्य गंभीर चोट के इलाज की सुविधा क्यूब के जरिए संभव है.
हेल्थ क्यूब की विशेषताएं
1. बहुत कम समय में इसे सेट कर गोल्डेन ऑवर ट्रीटमेंट संभव है
2. आपात स्थिति में प्रयोग होने वाली अधिकतर दवाओं का भंडार
3. पोर्टेबल वेंटिलेटर के साथ, मल्टी पैरामीटर मॉनीटर से लैस
4. ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरण इस क्यूब में मौजूद
5. क्यूब को हर मौसम को झेलने की क्षमता के अनुसार बनाया गया
72 तरह की उपचार सामग्री
क्यबू में 72 तरह की उपचार सामग्री है. इनका चयन आपात स्थिति में इलाज संबंधी सेवाओं के लिए किया गया है.
जांच की सभी सुविधाएं
हेल्थ क्यूब में जांच के लिए लैब कार्ड टेस्ट सेट है. इसके अलावा इमेजिंग सेट, सर्जिकल ओटी लाइट, सर्जिकल ऑपरेटिंग हेडलाइट, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के साथ रोगी के उपचार संबंधी जानकारी सुरक्षित रखने की सुविधा है. एक क्यूब का वजन 20 किलोग्राम होता है, जिसे एक किलोमीटर तक आसानी से ले जाया जा सकता है.