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उदयातिथि के हिसाब से 6 सितंबर को रखा जाएगा हरतालिका तीज व्रत

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिएव्रत रखती हैं. यह व्रत 24 घंटे का निर्जला व्रत होता है. इस व्रत में पूरे दिन न कुछ खाया जाता है और नहीं पिया जाता है.

 इस साल यह व्रत सितंबर के शुरू में यानी 6 सितंबर को रखा जाएगा. दरअसल तृतीया तिथि का आरंभ 5 सितंबर 2024 दिन बृहस्पतिवार को 10:04 से हो जाएगा जो अगले दिन 6 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को 12:08 तक व्याप्त रहेगा ऐसी स्थिति में उदयकालिक तृतीया तिथि 6 सितंबर को प्राप्त हो रही है. हरतालिका तीज व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं.

इस दिन महिलाएं भगवान शिव और पार्वती माता की पूजा करती हैं. कन्याएं भी मनचाहे पति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की सुबह-सुबह पूजा करना चाहते हैं तो सुबह शुभ मुहूर्त  06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक है. इसके लिए भगवान शिव का परिवार जरूर पूजा में रखें. इसके अलावा हरतालिका पूजन प्रदोष काल यानी शाम के समय सूर्य के डूबने के समय और रात होने से पहले भी किया जाता है. इसलिए प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा कर इस व्रत की कथा पढ़नी चाहिए. इस दिन पूरा श्रृंगार किया जाता है. महिलाएं व्रत में फलों का सेवन करती हैं. अगले दिव व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. पूजा में मिट्टी की गौर बनाकर उन्हें सिंदूर अर्पित करते हैं और उनसे सुहाग लिया जाता है. इस व्रत में नियम और पूजा विधान बहुत खास होता है.

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