महाराष्ट्र सरकार ने वैदिक काल से देसी गायों के महत्व को देखते हुए सोमवार को उन्हें राज्यमाता-गोमाता घोषित किया.
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब राज्य विधानसभा चुनाव जल्द ही होने की संभावना है. मुंबई में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि देसी गायों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार किसानों को इन गायों के लिए चारा भी उपलब्ध कराएगी. राज्य मंत्रिमंडल ने वैदिक काल से देसी गायों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गोशाला संचालकों को प्रति गाय 50 रुपये प्रतिदिन अनुदान देने के पशुपालन विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. महाराष्ट्र गोशाला आयुक्तालय ऐसी गोशालाओं के कामकाज की देखरेख करेगा.
अधिसूचना में सरकार ने महत्व भी बताया
सरकार के मुताबिक इस कदम के पीछे अन्य कारकों में मानव पोषण में देसी गाय के दूध का महत्व, आयुर्वेदिक एवं पंचगव्य उपचार के लिए उपयोग और जैविक खेती में गाय के गोबर से बने खाद का इस्तेमाल शामिल है. वर्ष 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में 46,13,632 देसी गायें हैं, जो पिछली गणना के आंकड़ों की तुलना में 20.69 प्रतिशत कम है.
गाय को सम्मान देने का फैसला : आठवले
इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, भारत में हिंदू समुदाय गाय की माता के रूप में पूजा करता है. मेरा मानना है कि सरकार ने गाय को सम्मान देने का फैसला किया है.