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अब सस्ते लोन का तोहफा, RBI ने 5 साल बाद घटाया रेपो रेट

इनकम टैक्स में मिडिल क्लास को राहत के बाद अब मिडिल क्लास को सस्ते लोन का तोहफा मिला है. आरबीआई के गवर्नर ने संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि छह सदस्यीय समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है. इसके साथ, एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय किया है. एमपीसी लगभग पांच साल के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है. कटौती फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. बता दें रेपो रेट पिछले दो साल से 6.50 फीसद पर स्थिर था.

आरबीआई ने पिछली बार मई, 2020 में कोरोना महामारी के समय रेपो रेट को 0.40 फीसद घटाकर चार फीसद किया था. फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था.

GDP ग्रोथ 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत पर रहने के अनुमान को बरकरार रखा है. वहीं खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गई है.

महंगाई के बारे में आरबीआई गवर्नर संजय मलहोत्रा ने कहा, ” नई फसल की आवक के साथ खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आएगी.” भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, पर वैश्विक चुनौतियों से अछूती नहीं है. मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति रूपरेखा की शुरूआत के बाद से औसत मुद्रास्फीति कम रही है.

कोविड-19 महामारी के समय मिली थी राहत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछली बार मई, 2020 में कोविड-19 महामारी के समय रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया था. फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था.

ब्याज दर पर फैसले की घोषणा आज

एमपीसी की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हुई. इस बैठक के अंतिम दिन शुक्रवार यानी आज ब्याज दर पर फैसले की घोषणा की जाएगी. एमपीसी की यह बैठक आरबीआई के नए गर्वनर के मातहत होने वाली पहली द्विमासिक समीक्षा बैठक है. मल्होत्रा दिसंबर में शक्तिकान्त दास के छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद आरबीआई के नए गवर्नर बनाए गए थे.

विशेषज्ञों का अनुमान

डीबीएस ग्रुप रिसर्च की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि एमपीसी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करके इसे 6.25 प्रतिशत पर लाने के पक्ष में मतदान करेगी. ग्लोबल रिसर्च फर्म बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च ने भी कहा कि आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति दोनों के ही आंकड़े मौद्रिक स्थितियों को आसान बनाने की जरूरत की तरफ इशारा करते हैं.

उम्मीद है कि ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाएगा. उद्योग मंडल एसोचैम ने भी कहा कि नीतिगत दर में कटौती करके इसे 6.25 प्रतिशत पर लाने की व्यापक उम्मीदें हैं. एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट कहती है कि मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद है.

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