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आरबीआई अप्रैल में फिर बढ़ सकती है रेपो रेट

फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.4 फीसदी रही. जनवरी के मुकाबले महंगाई दर में कुछ खास गिरावट नहीं आई है. अब भी खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य दायरे से ऊपर चल रही है.

ऐसे में केंद्रीय बैंक अगले महीने छह अप्रैल को प्रस्तावित मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में फिर से रेपो रेट में 25 आधार अंक का इजाफा कर सकता है. ऐसे में कर्ज लेने वालों को बढ़ी ब्याज दरों के चलते बढ़ी मासिक किस्तों का बोझ उठाना पड़ सकता है.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बीते सोमवार फरवरी 2023 के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए थे. खुदरा महंगाई दर पिछले साल दिसंबर, 2022 में 5.72 प्रतिशत थी जबकि जनवरी, 2023 में बढ़कर 6.52 हो गई. हालांकि फरवरी में खुदरा महंगाई थोड़ी नरम पड़कर 6.44 प्रतिशत रही.

25 आधार अंक वृद्धि की संभावना जताई डीबीएस ग्रुप रिसर्च ने कहा कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अगले महीने अपनी मासिक नीति में 25 आधार अंक की वृद्धि कर सकता है. डीबीएस ग्रुप रिसर्च की कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्रत्त्ी राधिका राव ने कहा कि बेशक थोक महंगाई के आंकड़े नीचे उतरे हैं लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी अधिक है.

मौसमी उतार-चढ़ाव को लेकर चिंता विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक महंगाई के आंकड़ों को लेकर आश्वस्त नहीं बैठ सकता. अलनीनो की चेतावनी, तेज गर्मी और मौसमी उतार-चढ़ाव खाद्य महंगाई को बेकाबू कर सकते हैं. इसलिए केंद्रीय बैंक ढिलाई के मूड में नहीं होगा.

बैंकों पर लोन महंगा करने का दबाव बढ़ेगा

रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाकर बाजार से पूंजी की तरलता यानी नकदी के प्रवाह को कम करता है ताकि महंगाई दर को काबू किया जा सके. रेपो रेट बढ़ाने से सभी बैंकों पर कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बढ़ जाता है और उन्हें आवास ऋण समेत अन्य तरह के कर्ज पर ब्याज दरों को महंगा करना पड़ता है, जिसका असर कर्ज लेने वालों को बढ़ी हुई मासिक किस्त के रूप में झेलना पड़ता है.

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