पिछले वर्षों में 40 लाख लोग गरीबी के दायरे से बाहर आए- सीएम बघेल
Raipur News छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा कि सरकार की नीतियों के कारण ही छत्तीसगढ़ के हर वर्ग में खुशहाली आई है। नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी के दायरे से बाहर आए हैं। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हमारी न्याय योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा, इससे हर वर्ग के लोग लाभान्वित हुए और पूरी अर्थव्यवस्था को इससे संजीवनी मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की विशेषता है कि हम असहमति का भी सम्मान करते हैं। लोगों से मशविरा करते हैं और इसके बाद नीतियां तैयार करते हैं। मुख्यमंत्री राजधानी में एक निजी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो अच्छी कार्यप्रणालियां हैं उन्हें यथावत रखते हैं, जिनमें कुछ त्रुटि है और सुधार की गुंजाइश है उन्हें ठीक करते हैं।
सीएम ने बताया प्रदेश की सादगी का राज
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारे भीतर यह सादगी इसलिए आई क्योंकि यह भूमि भगवान राम की ननिहाल है। यहां कबीर, गुरुघासीदास और विवेकानंद जैसे साधकों का असर है। छत्तीसगढ़ एक सांस्कृतिक ईकाई है। यद्यपि राज्य का निर्माण वर्ष 2000 में हुआ लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य को लेकर जो लोगों के सपने थे, वे पूरे नहीं हो पाए। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को एक नये राज्य में फलने-फूलने का जैसा अवसर मिलना चाहिए था, वैसा नहीं मिल पाया। हम लोगों ने यह काम किया है। अपनी धरोहर को सहेजने का काम हमने शुरू किया है। भगवान राम हमारे भांजे हैं उनसे जुड़े हुए राम वन पथ गमन परिसर के विकास का कार्य हमने आरंभ किया। कौशल्या माता मंदिर के विस्तार का काम हमने आरंभ किया। अपनी सांस्कृतिक और अस्मिता को सहेजने का काम हमने किया है।
सीएम ने गिनाई सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ की जरूरतों के मुताबिक और यहां के परिवेश को समझते हुए नीतियां बनाई। मसलन जब स्वास्थ्य सेवा लोगों तक पहुंचाने की बात आई तो हमने हाट बाजारों को चुना। हाट बाजार लोगों की गतिविधियों के मुख्य केंद्र में होते हैं। यहां मोबाइल मेडिकल वैन भेजने से लाखों लोगों को लाभ हुआ। अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा समय की सबसे बड़ी मांग थी। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के अंतर्गत हमने ऐसे स्कूल आरंभ किए। अंग्रेली कालेज भी खोले और भविष्य में भी जरूरत के मुताबिक कालेज खोले जाएंगे।